विकलांग सुदामा को अपनों ने ठुकराया, अफसरों से उम्मीद

छपरा (सारण) : किसी भी विकलांग की विकलांगता को लेकर अगर उसके परिजन भेदभाव करे तो उसका दर्द बढ़ जाता है और जब उसकी गुहार को सुन कर पदाधिकारी अनसुना कर दें तो विकलांग को इंसाफ की गुहार के लिए दर-दर भटकने के सिवा कोई रास्ता भी नहीं बच जाता है. विकलांग सुदामा का दर्द […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 12:55 AM

छपरा (सारण) : किसी भी विकलांग की विकलांगता को लेकर अगर उसके परिजन भेदभाव करे तो उसका दर्द बढ़ जाता है और जब उसकी गुहार को सुन कर पदाधिकारी अनसुना कर दें तो विकलांग को इंसाफ की गुहार के लिए दर-दर भटकने के सिवा कोई रास्ता भी नहीं बच जाता है.

विकलांग सुदामा का दर्द कुछ ऐसा ही है. जिले के दिघवारा थाना क्षेत्र के सैदपुर निवासी 38 वर्षीय सुदामा चंद्र भूषण की स्थिति कुछ ऐसी ही है. इस विकलांग ने इंसाफ के लिए जिले के एसपी से लेकर थाने के थानेदार तक गुहार लगायी. मगर आज तक इंसाफ नहीं मिल सका. परिजनों के शोषण व पिटाई के बीच इस विकलांग ने कई बार थाने में फरियाद लगायी.

केस दर्ज हुआ मगर कार्रवाई नहीं हुई. विकलांगता का हवाला देकर इसके पिता पृथ्वी भूषण व दोनों भाई कृष्णा चंद्र भूषण व अतुल कुमार ने शंकरपुर रोड अवस्थित दुकान से मारपीट कर भगा दिया और जब-जब सुदामा संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग करता है, तो परिजनों द्वारा उसकी पिटाई कर जान से मारने की धमकी दी जाती है.

वर्ष 2014 व 15 में सुदामा के बयान पर दिघवारा थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुई, मगर पैरवी के कारण परिजन बच गये. थक-हार कर इस विकलांग ने सारण एसपी के जनता दरबार में 16 मार्च व 10 जून को इंसाफ की गुहार लगायी. एसपी कार्यालय द्वारा थानाध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश भी मिला, मगर अब तक सुदामा इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है.

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