स्वामी गोपालाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दी सीख

छपरा (कोर्ट) : भगवान की भक्ति में निरंतर लगे रहने वाले भक्त के सभी कार्य परमात्मा की कृपा से स्वत: ही सिद्ध हो जाते है. इसका सबसे सरल उपाय भगवान के पावन पवित्र एवं पुण्य चरित्रों का श्रवण मनन एवं कीर्तन ही है. उक्त प्रवचन शहर के दहियावां दधिचि आश्रम परिसर में विगत चार दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 1:08 AM

छपरा (कोर्ट) : भगवान की भक्ति में निरंतर लगे रहने वाले भक्त के सभी कार्य परमात्मा की कृपा से स्वत: ही सिद्ध हो जाते है. इसका सबसे सरल उपाय भगवान के पावन पवित्र एवं पुण्य चरित्रों का श्रवण मनन एवं कीर्तन ही है. उक्त प्रवचन शहर के दहियावां दधिचि आश्रम परिसर में विगत चार दिनों से चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण में स्वामी गोपालाचार्य जी महराज ने भक्तों को सुनायी.

प्रवचन के क्रम में स्वामी जी ने भगवान कृष्णा के बाल लीलाओं के अनेकों प्रसंग जिसमें माखन चोरी, ग्वालों के साथ क्रीड़ा के साथ ही पुतना, केशी, अधासुर, बकासुर, त्रणावर्त आदि दानवों के वध के अलावे गोबर्धन पूजन का विस्तृत वर्णन किया. उन्होंने कहा कि अधर्म पर धर्म की विजय युगोें से होती आयी है .

स्वामी जी ने भक्तों को कहा कि धर्म, अर्थ और काम मोक्ष भी सीढ़ी है जिसे भक्ति मार्ग के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है और हमारा यही लक्ष्य होना चाहिए. प्रवचन के उपरांत सांस्कृतिक डॉ वैद्यनाथ मिश्र ने स्वामी जी को अभिनंदन पत्र प्रदान किया.
इस अवसर पर प्रधान आचार्य पुरूषोत्तमाचार्य पंडित गौतम तिवारी, रंगनाथ तिवारी, अरूण शुक्ल, जयराम, मनोज कुमार राय, राजकुमार राय, नारायण राय, मदन मोहन मिश्र, आदित्य कुमार गुप्ता, राजेश नाथ गुप्ता, अवधेश्वर सहाय, विभूति नारायण शर्मा, राजेश, मनीष पांडेय, पं. निर्मल जी, पं. भुपेंद्र जी, लक्ष्मण तिवारी सहित हजारों भक्तगण प्रवचन पंडाल में उपस्थित थे.

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