खरमास में नभमंडल में गूंजे मांगलिक गीत
खरमास में नभमंडल में गूंजे मांगलिक गीत कृष्ण-रुक्मिणी विवाह के साक्षी बने सैकड़ों नगरवासीपरिछावन से लेकर विदाई तक गूंजे पारंपरिक गीतगीता जयंती साप्ताहिक समारोह के छठे दिन संपन्न हुआ कृष्ण-रुक्मिणी विवाहगूंजे मागलिक गीत, बराती बन थिरके सैकड़ों नर-नारीनोट: फोटो मेल से भेजा गया है. संवाददाता, दिघवारानगर पंचायत के मालगोदाम के सामने गीता जयंती समारोह समिति […]
खरमास में नभमंडल में गूंजे मांगलिक गीत कृष्ण-रुक्मिणी विवाह के साक्षी बने सैकड़ों नगरवासीपरिछावन से लेकर विदाई तक गूंजे पारंपरिक गीतगीता जयंती साप्ताहिक समारोह के छठे दिन संपन्न हुआ कृष्ण-रुक्मिणी विवाहगूंजे मागलिक गीत, बराती बन थिरके सैकड़ों नर-नारीनोट: फोटो मेल से भेजा गया है. संवाददाता, दिघवारानगर पंचायत के मालगोदाम के सामने गीता जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित गीता जयंती साप्ताहिक समारोह के छठे दिन कृष्ण-रुक्मिणी विवाह संपन्न हुआ. इस विवाह के साक्षी बने सैकड़ों नगरवासी. मुख्य पंडाल पर आयोजित कार्यक्रम में कोलकाता के पंडित वशिष्ठ नारायण शास्त्री ने पहले प्रवचन की अमृतवर्षा की. इसके बाद कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की प्रक्रिया शुरू हुई. सबसे पहले खरमास में मांगलिक गीतों की गूंज ने माहौल को खुशनुमा व भक्तिमय बनाया. फिर थानाध्यक्ष सतीश कुमार व मोहनशंकर प्रसाद के कंधों पर डोली में भगवान कृष्ण की बारात निकली, जिसमें सैकड़ों नर-नारियों ने बराती के रूप में हिस्सा लिया. बैंड-बाजे के बीच निकली बरात में हर कोई उम्र का बंधन भूल कर झूमता नजर आया. बरात नगर भ्रमण करने के बाद पुन: पंडाल पहुंची. वहां परिछावन, जयमाला, कन्यादान, सिंदूरदान व की रस्म अदायगी हुई. अधिवक्ता मुनिलाल व उनकी पत्नी द्वारा रुक्मिणी के कन्यादान व विदाई के वक्त कई लोगों की आंखों से आंसू छलक आये. इससे पूर्व प्रवचन के छठे दिन मानस मंदाकिनी वैदेही शरण ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीराम के स्वरूप की व्याख्या कर हर व्यक्ति को उनके आदर्शों से सबक लेने की बात कही. प्रवचन व विवाह समारोह में सुरेंद्र प्रसाद, राधेश्याम प्रसाद, सीताराम प्रसाद, थानाध्यक्ष सतीश कुमार, मोहन शंकर प्रसाद, सूर्यनारायण प्रसाद, युगल किशोर प्रसाद, हरिचरण प्रसाद समेत कई गण्यमान्य लोगों ने सराहनीय सहयोग दिया.