सिंचाई के उपलब्ध संसाधनों का होगा सर्वे
सिंचाई के उपलब्ध संसाधनों का होगा सर्वेपहल. सिंचाई व्यवस्था की बेहतरी के लिए लघु सिंचाई गणना कार्य 16 फरवरी सेगांव-गांव जाकर प्रगणक सिंचाई के उपलब्ध साधनों की करेंगे गिनतीवर्तमान स्थिति, सिंचित व असिंचित क्षेत्र का जुटायेंगे आंकड़ाजिला स्तरीय लघु सिंचाई गणना प्रशिक्षण 23 जनवरी को संवाददाता, छपरा (सदर)योजना एवं विकास विभाग के निर्देशानुसार पंचम लघु […]
सिंचाई के उपलब्ध संसाधनों का होगा सर्वेपहल. सिंचाई व्यवस्था की बेहतरी के लिए लघु सिंचाई गणना कार्य 16 फरवरी सेगांव-गांव जाकर प्रगणक सिंचाई के उपलब्ध साधनों की करेंगे गिनतीवर्तमान स्थिति, सिंचित व असिंचित क्षेत्र का जुटायेंगे आंकड़ाजिला स्तरीय लघु सिंचाई गणना प्रशिक्षण 23 जनवरी को संवाददाता, छपरा (सदर)योजना एवं विकास विभाग के निर्देशानुसार पंचम लघु सिंचाई गणना का कार्य 16 फरवरी से 17 मई तक चलेगा. इसके लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षण का कार्य 23 जनवरी को होगा. जिला पदाधिकारी दीपक आनंद के निर्देश के आलोक में ‘लघु सिंचाई सांख्यिकी का युक्तिकरण’ कराया जायेगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध सिंचाई के साधनों का आंकड़ा एकत्र किया जा सके और भविष्य में बेहतर सिंचाई सुविधा के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा सके. सिंचाई के साधनों की उपलब्धता व स्थिति का लिया जायेगा आंकड़ाकेंद्रीय योजना अंतर्गत लघु सिंचाई गणना के प्रगणक के रूप में किसान सलाहकार, विकास मित्र, पंचायत सचिव एवं राजस्व कर्मचारी को लगाये जाने का प्रावधान है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर अपने-अपने क्षेत्र में कृषि योग्य कमांड क्षेत्र, कृषि योग्य क्षेत्र, सकल सिचिंत क्षेत्र, शुद्ध सिचिंत क्षेत्र, सृजित सिंचाई क्षमता, लघु सिंचाई योजना, मध्यम सिंचाई योजना, वृहद सिंचाई योजना, स्प्रिकलर (फव्वारा) सिंचाई प्रणाली, टपकाव सिंचाई प्रणाली, सेंट्रिफ्यूगल पंप, समरसेबल पंप, टरवाइन एवं जेट पंप, जल श्रोत, पोखर, तालाब, जलाशय, भू जल योजना के तहत खोदे गये कुएं, कम गहरे नलकूप, मध्यम गहरे नलकूप, गहरे नलकूप, सतही प्रवाह सिंचाई योजना, जल संग्रह योजना, डाइवर्सन योजना आदि कृषि सिंचाई से संबंधित योजनाओं का आंकड़ा, उनकी वर्तमान स्थिति का आंकड़ा एकत्र करेंगे. इसके आधार पर सरकार द्वारा वर्ष 13-14 के बाद से उपयोग में नहीं आनेवाली सिंचाई योजनाओं की मरम्मत तथा आवश्यकता अनुसार कार्रवाई की सूचना सरकार को देंगे. आंकड़ों को 30 दिसंबर तक निदेशालय को कराना है उपलब्ध लघु सिंचाई गणना के दौरान लिये गये आंकड़ों को 30 दिसंबर, 2016 तक निदेशालय को उपलब्ध कराना है. वहीं, 16 फरवरी से 17 मई तक प्रगणक क्षेत्रों में सिंचाई संसाधनों का आंकड़ा एकत्र करेंगे. अनुसूचियों की जांच/परिनीरीक्षण एवं जिला स्तर पर संग्रहण 18 मई से 19 जुलाई तक तथा जिला स्तर पर कंप्यूटराइजेशन 20 जुलाई से 20 नवंबर तक होगा. वहीं, जिला द्वारा वैलिडेटेड डाटा 15 नवंबर से 30 दिसंबर तक निदेशालय में उपलब्ध कराना होगा.डीएसओ, डीएओ तथा कार्यपालक अभियंता करेंगे पर्यवेक्षणसिंचाई योजनाओं के कार्यों का पर्यवेक्षण जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, लघु सिंचाई के कार्यपालक एवं सहायक अभियंता करेंगे तथा प्रखंड स्तर पर बीडीओ तथा अनुमंडल स्तर पर एसडीओ पर्यवेक्षण करेंगे. प्रगणकों के प्रशिक्षण का कार्य जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी करेंगे. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह सदस्य सचिव संध्या सुरभी को मनोनीत किया गया है. इन्हें राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सरकार के द्वारा दिया गया है. व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देशलघु सिंचाई गणना कार्य के लिए प्रतिमाह की सात एवं 22 तारीख को गणना कार्य का पाक्षिक प्रतिवेदन जिला सांख्यिकी पदाधिकारी उपलब्ध करायेंगे. वहीं, आमजनों की जानकारी के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार, पोस्टर, लाउड स्पीकर के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिए सभी प्रगणनकों का चयन कर उनको प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है. कहते हैं अधिकारीआरएमआइएस के तहत होनेवाले इस लघु सिंचाई जनगणना कार्य के लिए 23 जनवरी को जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे जिले में उपलब्ध सिंचाई के संसाधनों की वर्तमान स्थिति व सिंचाई के क्षेत्र के अनुपात में भविष्य में सिंचाई योजनाओं को उपलब्ध कराने के संबंध में सरकार योजना बनायेगी.संध्या सुरभिजिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सारण