मन से करें प्रभु राम का स्मरण : शुक्ला

अमनौर : राम भजन बिन सुनहू खगेशा, मिटयी न जीवन केर कलेशा यानि इस कलयुग में विशेष जीव की मुक्ति के लिए राम का स्मरण मन से होना चाहिए. कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर-सुमिर नर उतरही पारा -आज समाज में, लोगों में जन जागरण की भावना कम है. उक्त बातें अमनौर में चल रही नवादिवसीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2016 3:40 AM

अमनौर : राम भजन बिन सुनहू खगेशा, मिटयी न जीवन केर कलेशा यानि इस कलयुग में विशेष जीव की मुक्ति के लिए राम का स्मरण मन से होना चाहिए. कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर-सुमिर नर उतरही पारा -आज समाज में, लोगों में जन जागरण की भावना कम है. उक्त बातें अमनौर में चल रही नवादिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ में मथुरा से पधारे प्रवचनकर्त्ता डॉ बृजेश शुक्ला ने कहीं. उन्होंने कहा कि आज समाज में जो कुरीतियां फैल रही हैं

उससे बचने का उपाय यज्ञ आदि अनुष्ठानों में संत विद्वानों के द्वारा समाज को जीवन जीने की कला पर स्वतंत्र विचार दिया जाता है. उक्त मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त सामिल होकर प्रवचन का लाभ उठाया. इधर महायज्ञ में मथुरा से आये श्रीं श्रीं उदासी बाबा ने अपने सिने पर कलश स्थापित किया है जिसे देखने के लिए भीड़ जुट रही है. श्रीं श्रीं उदासी बाबा ने कहा कि आदिशक्ति माता की कृपा से ही संसार का कल्याण होता है, जो भक्त मां पर आस्था बनाये रखते हैं उसके कल्याण के रास्ते खुले होते हैं.

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