मत्स्यपालन पर 90 फीसदी अनुदान

मामला एससी-एसटी का मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए एससी-एसटी के किसानों को तालाब निर्माण, ट्यूबवेल एवं पंपिंग सेट क्रय पर भी अनुदान की सुविधा छपरा (सदर) : मत्स्य उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. परंतु, जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 5:01 AM

मामला एससी-एसटी का

मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए एससी-एसटी के किसानों को तालाब निर्माण, ट्यूबवेल एवं पंपिंग सेट क्रय पर भी अनुदान की सुविधा
छपरा (सदर) : मत्स्य उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. परंतु, जिले में जमीन के लिए निर्धारित क्षेत्रफल व कागजी खानापूर्ति की परेशानियों के कारण लाभुकों की संख्या नहीं बढ़ रही. हालांकि विभागीय पदाधिकारी एससी-एसटी के लाभुकों को निर्धारित क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल में ही मत्स्य उत्पादन का लाभ देने के लिए तैयार हैं. परंतु, जमीन की कमी इन वर्गों के लिए सरकार की इस अनुदान योजना में बाधक बनी है.
सारण में नौ एकड़ में एससी-एसटी द्वारा तालाब निर्माण की योजना:सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जन जाति के लाभुकों को 50 डिसमिल क्षेत्र में नर्सरी तालाब निर्माण के लिए आनेवाली लागत 1.51 लाख रुपये पर 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है.
इसके अलावा 50 हजार रुपये की बोरिंग तथा 25 हजार रुपये की लागत के पंपसेट की खरीद पर भी 90 फीसदी अनुदान देना है. वहीं, इस वर्ग के मत्स्यपालकों को जिला मत्स्य कार्यालय द्वारा 10 दिनों तक नि:शुल्क प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है, जिससे इस विशेष योजना का लाभ किसान बेहतर ढंग से ले सकें.
इन कागजात की है अनुदान के लिए जरूरत :यदि किसान के पास अपनी जमीन नहीं है, तो वह 10 साल के लिए निबंधित लीज लेकर भी मत्स्यपालन व्यवसाय कर सकता है. इसके अलावा जाति एवं आय प्रमाणपत्र यदि निजी जमीन है,
तो भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं मालगुजारी रसीद अद्यतन, नक्शे की स्वच्छ प्रति, आवेदक का पासपोर्ट साइट फोटो, फोटो पहचान पत्र की छायाप्रति, स्थल का रंगीन फोटो तथा कार्य क्षेत्र के बैंक का बकाया रहित प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना जरूरी है. जिले में अब तक 55 से 60 फीसदी के क्षेत्रफल में मत्स्यपालन के लिए ही अनुदान एससी-एसटी के लाभुकों ने चालू वर्ष 2015-16 में किया है.

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