हजारों मजदूर हुए बेरोजगार

बालू उठाव से जुडे हैं लगभग 20 हजार से अधिक लोग डोरीगंज (छपरा) : राज्य में बालू उत्खनन कारोबार मे पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर नदियों से तत्काल बालू खनन पर लगी रोक के कारण डोरीगंज मे बालू का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया. घाटों पर कतारबद्ध नावे बंधी रही तथा मजदूर और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2016 5:22 AM

बालू उठाव से जुडे हैं लगभग 20 हजार से अधिक लोग

डोरीगंज (छपरा) : राज्य में बालू उत्खनन कारोबार मे पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर नदियों से तत्काल बालू खनन पर लगी रोक के कारण डोरीगंज मे बालू का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया. घाटों पर कतारबद्ध नावे बंधी रही तथा मजदूर और मल्लाह नदारद दिखे. घाटों पर बालू मजदूरों, ट्रकों तथा ट्रैक्टरों के आवागमन से गुलजार दिखने वाला डोरीगंज हुआ घाट, तिवारी घाट, दरियावगंज एवं रहरिया घाट आदि विभिन्न स्थानों पर पूर्णतः वीरानगी छायी रही.
ठप पड़े इस कारोबार से जहां बालू मजदूरों में अगामी 19 फरवरी तक फैसले के इंतजार को लेकर मायूसी रही. वहीं, बालू का स्टॉक जमा कर रखे कारोबारियों के चेहरे खिले हुए नजर आये. इस कारोबार से जुड़े बालू मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
बिक्री में मंदी, दोगुना हुआ दाम : इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है. सोनू स्टोर के मालिक सोनू कुमार, फुटबीयर दूकानदार यूनिस मियां, झड़ीलाल मिष्टान भंडार व भोजनालय के मालिक झड़ीलाल साह आदि दूकानदारों ने बताया कि उठाव नहीं होने से बिक्री बंद हो गयी है़ वहीं पहले से स्टाॅक कर रखे कारोबारी अब इससे दुगना मुनाफा कमायेंगे. कारोबारियों के अनुसार, 2300 से 2500 प्रति ट्रैक्टर के मुकाबले अब इसे 3500 सौ से लेकर 4000 रुपये प्रति टेलर की दर से बिक्री हो रही है. वहीं, बालू खनन पर लगे इस रोक से सरकारी या निजी सभी निर्माण कार्य बाधित होंगे, जिसका असर सरकारी प्रोजेक्ट को पूरा करने मे लगी एजेंसियों को भी काम बंद करना पड़ सकता है.
सभी को 19 फरवरी का इंतजार : अगली सुनवाई 19 फरवरी को होनी है. सुनवाई होने तक बालू के खनन पर रोक लगी रहेगी. बालू व्यवसाय के ठप होने से लगभग 20 हजार परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. एक तो एक माह पहले से ही अवैध वसूली एवं सोन के मुहाना बंद होने से बालू व्यवसाय ठप पड़ा हुआ था. इसका परिणाम है की बालू के दाम आसमान छूने लगे हैं. 2500 से 3000 रु प्रति फुट की दर से मिल रहे हैं, अगर यही स्थिति रही, तो आम आदमी को घर बनाना कठिन हो जायेगा.

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