छपरा. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के पद के लिए परीक्षा आयोजित की गयी. इसके लिए जिला में 18 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. परीक्षा में 8976 परीक्षार्थी शामिल होने थे, लेकिन 731 परीक्षार्थी गायब रहे. किस कारण से इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी गायब रहे इस बात की चर्चा पूरे जिले में होती रही. इसके कई कारण बताये गये. कुछ ने कहा कि फॉर्म भरने के वक्त अन्य परीक्षाओं की परीक्षा चल रही थी. ऐसे में कुछ शिक्षकों की बीएससी के तहत बहाली हो चुकी है और वह अपने जिला में है, इसलिए नया टेंशन नहीं बोलना चाहते थे. कुछ लोगों ने कहा कि चुकी अब नकल पर नकेल कसी जा रही है इसलिए सेटिंग-गेटिंग बिगड़ गयी होगी. जबकि परीक्षा केंद्रों के बाहर खड़े कई परीक्षार्थियों के अभिभावकों ने कहा कि सेंटर काफी दूर दे दिया गया है, इसलिए भी काफी संख्या में परीक्षार्थी परीक्षा देने नहीं आये हैं. सारण में यह परीक्षा एक पाली में दोपहर 12 बजे से 2:30 बजे तक संपन्न हो गयी. परीक्षार्थियों को सुबह 10 बजे से परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जायेगा. सुबह 11 बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी. परीक्षा को शांतिपूर्ण एवं कदाचारमुक्त संपन्न कराने के लिए परीक्षा केंद्र पर केंद्र प्रेक्षक सह स्टैटिक दण्डाधिकारी, जोनल दण्डाधिकारी एवं सुपर जोनल दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी पुलिस पदाधिकारी के साथ प्रतिनियुक्त किये गये थे. यह सभी परीक्षा प्रारंभ होने के दो घंटे पूर्व में अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंचकर परीक्षा समाप्ति के उपरांत तक जमे रहे. प्रवेश के समय सभी अभ्यर्थियों की अच्छे से फ्रिस्किंग की गयी. किसी भी अभ्यर्थी को किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामग्री के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी. सभी अभ्यर्थियों का बॉयोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन किया गया था. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर मोबाइल जैमर लगाया गया था, ताकि नकल को रोका जा सके. साथ ही सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से भी निगरानी रखी गयी थी. परीक्षा देकर बाहर निकले परीक्षार्थियों ने बताया कि सामान्य ज्ञान के प्रश्न थोड़े कठिन थे. लेकिन शिक्षा में प्रशिक्षण के प्रश्न आसान थे.
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