गड़खा (सारण) : छपरा-रेवा राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 102 पर शनिवर की सुबह हुई बस दुर्घटना में घायलों की चीख पुकार से अलोनी बाजार के समीप का मंजर खौफनाक बन गया था. अफरा-तफरी मचने तथा घायलों को तत्काल मदद के लिए पहुंचे ग्रामीणों को यह समझ नहीं आ रहा था कि कैसे यात्रियों को बाहर निकाला जाये.
जब ग्रामीण यात्रियों को बस से बाहर निकाल रहे थे. इस दौरान कई ग्रामीणों के शरीर घायल यात्रियों के खून से भींग गये. तीन लोगों को लाख मशक्कत के बाद भी ग्रामीण नहीं निकाल पा रहे थे, जिसे मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष रमेश कुमार महतो ने जेसीबी मंगवाकर उसकी मदद से बस को हटा कर निकलवाया.
इसमें एक की मौत हो चुकी थी. वहीं बस के मालिक व एक छात्रा गंभीर रूप से घायल थे. कई घायलों को गड़खा पीएचसी में इलाज के बाद छपरा व पटना भेजा गया. कई यात्रियों के सिर फुट गये थे तो कई के हाथ टुटे हुए पाये गये. दूसरी तरफ मैकी कोटवा पट्टी गांव निवासी जोधा मांझी के 30 वर्षीय पुत्र बब्लू मांझी की बस के दबकर मौत की खबर जब परिजनों के बीच पहुंची तो परिजनों के बीच कोहराम मच गया. मृतक का एक हाथ पहले से ही कटा हुआ था. फिर भी अपने परिवार की परवरिश के लिए छपरा में रिक्शा चलाकर रोटी का जुगाड़ करता था. शनिवार को भी घर से छपरा-रिक्सा चलाने के लिए बस से छपरा जा रहा था. उसे क्या पता था कि आज आखिरी दिन होगा. जैसे ही अलोनी पहुंची विकलांग बब्लू मांझी काल के गाल में समा गया. विकलांग होने के बावजूद कड़ी मेहनत कर परिवार की परवरिस करने वाले के नहीं रहने से पुरा परिवार बेसहारा हो गया है. मृतक की मां-पत्नी, पुत्र-पुत्री सहित पूरे परिवार को रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है.