स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में हुई संगोष्ठी

स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में हुई संगोष्ठी नोट. फोटो नंबर 8 सीएचपी 7 है. कैप्सन होगा- संगोष्ठी में उपस्थित अतिथि छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में कोर्स एंड वर्क्स के शोधार्थियों द्वारा विभागीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वैदिक मंत्रोच्चारण एवं सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ. विषय प्रवेश कराते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में हुई संगोष्ठी नोट. फोटो नंबर 8 सीएचपी 7 है. कैप्सन होगा- संगोष्ठी में उपस्थित अतिथि छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में कोर्स एंड वर्क्स के शोधार्थियों द्वारा विभागीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वैदिक मंत्रोच्चारण एवं सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ. विषय प्रवेश कराते हुए डॉ बैद्यनाथ मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में शैक्षणिक केंद्रों में राष्ट्रीय की भावना उत्पन्न करते हुए जननी जन्म भुमिश्च की संस्कृति को लागू करना होगा. संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो शंकर दयाल सिंह ने की, जबकि शोधार्थी कृष्ण कुमार मिश्र, मनोज कुमार झा, हरिओम सोनी, मनोरमा, रामाकांत, विपुल, रघुनाथ, चिकु सिंह, सुशील, शशिभूषण, रेखा, रंजना, संजीव, सुनीता, प्रभा आदि ने विचार व्यक्त किये. प्रो हिमांशु कुमार एवं प्रो रामफेर ने राष्ट्रवाद के बिना देश का विकास असंभव बताया. मुख्य वक्ता अमरनाथ ठाकुर ने राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित किया.

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