गरमी फुल, बिजली गुल, लोग व्याकुल
पिछले कई दिनों से बिजली की आंखमिचौनी से हर कोई परेशान है. भीषण गरमी के बीच बिजली के लगातार गायब रहने से दिघवारा सब स्टेशन के लगभग 14 हजार उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गयी है. हजारों उपभोक्ता दिन में हाथ का पंखा झलते हैं व रात में बिजली आने के इंतजार में करवटें बदलते रहते […]
पिछले कई दिनों से बिजली की आंखमिचौनी से हर कोई परेशान है. भीषण गरमी के बीच बिजली के लगातार गायब रहने से दिघवारा सब स्टेशन के लगभग 14 हजार उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गयी है. हजारों उपभोक्ता दिन में हाथ का पंखा झलते हैं व रात में बिजली आने के इंतजार में करवटें बदलते रहते हैं. फुल गरमी में बिजली के निरंतर गुल रहने से हर दिन लोग व्याकुलता में जीवन गुजार रहे हैं.
दिघवारा (सारण) : भीषण गरमी के बीच बिजली की बेरुखी ने लोगों को रुला दिया है. हजारों उपभोक्ता गरमी में घंटों बिना बिजली के रहने को विवश हैं. इससे लोगों को न दिन में चैन मिल पा रही है और न रात में सो पा रहे हैं. कोई हाथ के पंखे को झेल कर दिन की गरमी को काटता है, तो किसी की रातें बिजली आने के इंतजार में करवटें बदलते हुए बीत जाती है. इंवर्टर भी जवाब दे रहा है. जिनके घरों में कूलर व एसी हैं वे भी उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
12 से 15 घंटे मिल रही बिजली, वह भी अनियमित : दिघवारा विद्युत सब स्टेशन से 24 घंटे में महज 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल रही है वह भी अनियमित. दिन में लंबे समय तक बिजली के नहीं रहने से उपभोक्ताओं का हाल-बेहाल हो जा रहा है. नगर व ग्रामीण फीडरों से बिजली की आपूर्ति का एक जैसा हाल है एवं लोग रात में घंटों अंधेरे में रहने को बाध्य हैं. रामदासचक से लेकर बड़ा गोपाल तक व मटिहान से लेकर बसंत तक लगभग 14 हजार उपभोक्ता बिजली की कमी से परेशानी के आलम में जीवन बीता रहे हैं.
ग्रिड को खपत से कम मिल रही है बिजली : शीतलपुर ग्रिड से दिघवारा, शीतलपुर, अमनौर, परसा व दरियापुर सब स्टेशन में बिजली की आपूर्ति की जाती है. इन सब स्टेशनों तक मांग के अनुसार बिजली की आपूर्ति करने के लिए 28 से 30 मेगावाट बिजली चाहिए. मगर इस महीने में उत्पादन स्थल से ग्रिड को प्रतिदिन आठ से 12 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. नतीजा मांग के अनुरूप ग्रिड से सब स्टेशन को बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है.
दिघवारा सब स्टेशन को मिल रही महज चार मेगावाट बिजली : दिघवारा सब स्टेशन में 10 व पांच एमवीए क्षमता के दो अलग-अलग ट्रांसफाॅर्मर लगे हुए हैं.अपने 14 हजार उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने के लिए इस सब स्टेशन को आठ मेगावाट बिजली चाहिए, मगर सब स्टेशन को ग्रिड से महज चार मेगावाट ही बिजली मिल रही है. इससे दिघवारा व मटिहान फीडरों में रोटेशन से बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
परेशानी से निजात मिलने की संभावना नहीं : दिघवारा सब स्टेशन के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं की परेशानियों में अभी कमी आने के आसार नहीं हैं. जब तक ग्रिड में बिजली की आपूर्ति नहीं बढ़ायी जायेगी, तब तक दिघवारा सब स्टेशन से भी बिजली की सप्लाइ में सुधार संभव नहीं है.
क्या कहते हैं जेइ
ग्रिड से ही सब स्टेशन को कम मात्रा में बिजली मिल रही है. तेज हवा व अगलगी के कारण तार गिरने से भी विद्युत सप्लाइ बाधित हो रही है. बिजली की कमी से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ी है. इस समस्या को सुधारने में वक्त लगेगा.
निरंजन कुमार
जेइ, विद्युत सब स्टेशन