बम विस्फोट से पहले कोर्ट परिसर में की गयी थी वीडियोग्राफी

पता नहीं, कौन था निशाने पर छपरा (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय सोमवार की सुबह हुए बम विस्फोट की घटना में माओवादी शामिल हैं या कोई और? इसको लेकर जितनी मुंह उतनी बातें सामने आ रही हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि बम विस्फोट करनेवाली खुशबू कुमारी युवती के संबंध में शहर के विंध्यवासिनी भवन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 12:11 AM

पता नहीं, कौन था निशाने पर

छपरा (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय सोमवार की सुबह हुए बम विस्फोट की घटना में माओवादी शामिल हैं या कोई और? इसको लेकर जितनी मुंह उतनी बातें सामने आ रही हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि बम विस्फोट करनेवाली खुशबू कुमारी युवती के संबंध में शहर के विंध्यवासिनी भवन में हुए तिहरे हत्याकांड व उसके उपरांत कोर्ट परिसर में दो वर्ष पूर्व हुए बम विस्फोट के अभियुक्तों से है. खुशबू तो बकायदा बम धमका मामले में अभियुक्त की है और फिल वक्त वह उच्च न्यायालय के आदेश पर जमानत पर है. लेकिन जिस तरह से उसने विस्फोट किया है उसकी मंशा समझ से परे है.
क्या था खुशबू का उद्देश्य : क्या वह सोमवार को किसी की हत्या के उद्देश्य से आयी थी या फिर विस्फोट कर किसी को छुड़ाना चाह रही थी. इस तिथि को न तो उपरोक्त दोनों मामले में किसी की गवाही थी और न ही किसी आरोपितों की पेशी ही फिर भी उसके आने या विस्फोट करने का क्या उद्देश्य था. कहीं व तिथि के भ्रम में एक दिन पहले तो नहीं पहुंच गयी.
दो न्यायालयों में चल रहे हैं दोनों मामले : विंध्यवासिनी भवन में 20 जुलाई, 2011 को हुए तिहरे हत्याकांड का मामला फिलवक्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम ओम प्रकाश पांडेय के कोर्ट में चल रहा है, जिसमें 19 अप्रैल को गवाही की तिथि व आरोपितों को पेशी होनी थी. वहीं, बम विस्फोट मामला प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी बीबी राय के कोर्ट में अंदर ट्रायल है और उसमें पेशी की तिथि छह मई निर्धारित है.
बम विस्फोट के पूर्व हुई वीडियोग्राफी : कोर्ट परिसर में विस्फोट से पहले मौजूद लोगों ने बताया कि घटना के पहले तीन व्यक्तियों द्वारा (सफेद कुरता-पजामा व दाढ़ी हुए रखे थे) उनके द्वारा पुराने कोर्ट परिसर (जहां विस्फोट हुआ है) की वीडियोग्राफी किया जा रहा था. लेकिन जब विस्फोट हुआ और उन लोगों ने उन तीनों की खोज की तो वे वहां से नदारद थे.
कहीं अनजाने में, तो नहीं हो गया विस्फोट
वकीलों की मानें, तो खुशबू को ट्रायल के रूप में कोर्ट में लाया गया, लेकिन उसे जब कोई साथी नहीं दिखा तो वह पोर्टिकों के चबुतरे पर बैठ अपने जांघ पर बम वाला बैग रख साथियों का इंतजार करने लगी. इसी उधेड़बुन में उसने बैग को
खोला और हो सकता है कि बम का पिन बैग में चेन में फंस गया हो और विस्फोट हो गया.

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