कई कांडों के अनुसंधान में हो चुका है खुलासा

छपरा (सारण) : अापराधिक वारदातों के षड्यंत्र रचने का केंद्र बनता जा रहा है छपरा मंडल कारा. हालांकि, घटनाओं को अंजाम देने का षड्यंत्र मंडल कारा में ही रचा गया. मंडल में बंद कुख्यात अपराधियों के द्वारा रचे षड्यंत्र से पुलिस प्रशासन का सिरदर्द काफी बढ़ गया है. इन घटनाओं की धमक से न केवल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 3:59 AM

छपरा (सारण) : अापराधिक वारदातों के षड्यंत्र रचने का केंद्र बनता जा रहा है छपरा मंडल कारा. हालांकि, घटनाओं को अंजाम देने का षड्यंत्र मंडल कारा में ही रचा गया. मंडल में बंद कुख्यात अपराधियों के द्वारा रचे षड्यंत्र से पुलिस प्रशासन का सिरदर्द काफी बढ़ गया है. इन घटनाओं की धमक से न केवल पुलिस मुख्यालय, पटना चिंतित है, बल्कि हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान भी लिया है. इससे इन घटनाओं की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं जोनल आइजी पारसनाथ ने यहां आकर देर रात तक कैंप करते रहे़

बम ब्लास्ट के सूत्र जेल से जुड़े
व्यवहार न्यायालय परिसर में सोमवार को हुई केन बम ब्लास्ट का षड्यंत्र जेल में बंद अपराधियों द्वारा रची गयी थी और जेल में बंद अपराधियों को ही केन बम से उड़ाने की योजना थी. अभी केन बम ब्लास्ट की आंग ठंडी भी नहीं हुई थी कि बुधवार को इसी घटना के प्रतिशोध में दूसरी घटना को गड़खा थाना क्षेत्र के मीनापुर में अंजाम दिया गया. कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र राय के घर पर किये गये अंधाधुंध फायरिंग में तीन लोग घायल हो गये.
इस घटना की योजना भी मंडल कारा में ही बनी थी. मंडल कारा में बंद कुख्यात अपराधी अरुण साह के इशारे पर उसे सहयोगियों ने अंजाम दिया. दर असल न्यायालय परिसर में सोमवार को केन बम ब्लास्ट कर अपराधी अरुण साह को उड़ाने की योजना थी.
पहले भी होती रही हैं घटनाएं
मंडल कारा में षडयंत्र रचकर बड़े अपराधिक वारदातों को अंजाम देने की लंबी फेहरिस्त है. 19 सितंबर, 2014 को व्यहार न्यायलय परिसर में हुए बम ब्लास्ट में तिहरे हत्याकांड के गवाह तथा सूचक समेत तीन को घायल करने की योजना भी मंडल कारा में बनी थी. इसके पहले तीहरे हत्या कांड को अंजाम देने की योजना भी मंडल कारा में बनी थी.
20 जुलाई, 2011 को नगर थाना क्षेत्र के राजेंद्र सरोवर के पास स्थित महाराजगंज के सांसद स्व. उमाशंकर सिंह के आवास परिसर में तीन लोगों को मौत के घाट उतारा गया था. इस घटना के बाद तिहरे हत्या कांड के ही गवाह मृत्युंजय कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.

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