अगलगी में गयीं पांच की जानें
तबाही. सैकड़ों घर जले, दर्जनों मवेशियों की मौत, करोड़ों रुपये की हुई क्षति गड़खा : भगवानी छपरा गांव में एक झोंपड़ी में आग लगने के बाद देखते ही देखते सैकड़ों घर लपेटे में आ गया. इस दौरान एक महिला, एक बच्ची समेत तीन लोगों की जहां मौत हो गयी. वहीं दर्जनों पशु आग में झुलस […]
तबाही. सैकड़ों घर जले, दर्जनों मवेशियों की मौत, करोड़ों रुपये की हुई क्षति
गड़खा : भगवानी छपरा गांव में एक झोंपड़ी में आग लगने के बाद देखते ही देखते सैकड़ों घर लपेटे में आ गया. इस दौरान एक महिला, एक बच्ची समेत तीन लोगों की जहां मौत हो गयी. वहीं दर्जनों पशु आग में झुलस कर मर गये. घटना का कारण दिन के 11 बजे खाना बनाने के लिए जलाये गये चूल्हे से निकल रही आग को नियंत्रित करने में असावधानी बतायी जाती है. कुछ ही देर में आग भगवानी छपरा के अलावा बनवारी बसंत और झौवा बसंत गांव को भी अपनी आगोश में ले लिया और देखते ही देखते दो सौ से अधिक घर जल कर राख हो गये.
हालांकि घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा दमकल विभाग को देने के साथ-साथ अपने स्तर से भी आग पर काबू पाने का हर संभव प्रयास किया गया. लगभग 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही तेज पछुआ हवा व दमकल गाड़ी के पहुंचने में काफी विलंब के कारण इन घरों में रहनेवाले परिवारों की करोड़ों रुपये की संपत्ति कपड़े, गहने व खाने की सामग्री तक जल गयी. अगलगी की घटना पर काबू पाने में ग्रामीण अपने को असहाय महसूस कर रहे थे.
पांच-छह घंटे तक लगातार मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने येन-केन प्रकारेण आग पर काबू पाया. घटना की खबर पाकर सीओ आश्वनी चौबे व थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार मौके पर पहुंचे. आग की चपेट में आने से बनवारी बसंत के 70 वर्षीय जलेश्वरी कुंवर की मौत हो गयी. वहीं, भगवानी छपरा में एक युवक की मौत की सूचना है. युवक की पहचान नहीं हो सकी है. वहीं, भगवानी छपरा में ही ग्रामीण मनोज साह की दो वर्षीया पुत्री रोशनी कुमारी की भी झुलसने से मौत हो गयी.
उधर, घटना के बाद एक किलोमीटर की परिधि में अग्नि से प्रभावित इन परिवारों के पास न रहने के लिए आशियाना है और खाने के लिए अनाज. आखिर पीड़ित परिवार इस भीषण गरमी में खुले आसमान के नीचे अपना जीवन बिताने के लिए विवश दिखे. घटना के बाद इन गांवों में हर तरफ चीख-पुकार ही सुनाई दे रही थी. स्थानीय पदाधिकारियों ने पहुंच कर पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया. परंतु, तत्काल उनकी समस्याएं प्रशासन के आश्वासन पर भारी पड़ती दिखी. मालूम हो कि प्रखंड में अब तक कई अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं.