कहीं तरसती आबादी, तो कहीं बरबादी

परेशानी. हर जगह पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे लोग, सूखने लगे जलस्रोत मवेशियों के समक्ष भी पानी का संकट उत्पन्न दिघवारा : प्रखंड अधीन क्षेत्रों में जल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, जिससे न केवल नदी, पोखर, कुआं व तालाब सूखने लगे हैं बल्कि नगर व ग्रामीण इलाकों के चापाकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 3:33 AM

परेशानी. हर जगह पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे लोग, सूखने लगे जलस्रोत

मवेशियों के समक्ष भी पानी का संकट उत्पन्न
दिघवारा : प्रखंड अधीन क्षेत्रों में जल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, जिससे न केवल नदी, पोखर, कुआं व तालाब सूखने लगे हैं बल्कि नगर व ग्रामीण इलाकों के चापाकल भी फेल होने लगे हैं. हर जगह लोग पानी की कमी जैसी समस्या से जूझ रहे हैं वहीं क्षेत्र के कई इलाकों में लोग ‘कीमती पानी’ को फालतू में बरबाद कर रहे हैं. जागरूकता के अभाव में लोग पानी की बरबादी लगातार कर रहे हैं, जो सबों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.
सूखने लगे हैं प्राकृतिक जल के स्रोत : तापमान में वृद्धि व गंदगी के कारण गंगा की अविरलता प्रभावित हुई है एवं जगह- जगह इस राष्ट्रीय नदी में अवरोध पैदा होने से गंगा की शक्ल किसी पोखर-सी हो गयी है.जल स्तर में अप्रत्याशित कमी आने से प्रखंड के पोखर, तालाब व कुआं पूरी तरह सूख गये हैं, जिससे मवेशियों के समक्ष भी पानी का संकट उत्पन्न हो गया है. यदुनंदन कॉलेज व जयगोविंद उच्च विद्यालय के समीप के तमाम पोखर भी इस साल पहली बार सूख गये हैं.
मही नदी भी सूखने के कगार पर : दरियापुर प्रखंड अधीन क्षेत्र से गुजरने वाले मही नदी का भी जल स्तर तेजी से घट गया है और पट्टी पुल के नीचे मही नदी का पानी भी आधा से अधिक सूख गया है.
कई जगहों पर बरबाद होता है हजारों लीटर पानी : एक तरफ
जहां लोग पानी की कमी से परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर
पानी को फालतू में बरबाद किया जा रहा है. जागरूकता के अभाव में लोग जल संकट की स्थिति को और विकराल
बना रहे हैं. नगर क्षेत्र में अवस्थित मधुकॉन कैंप में दो जगहों पर दिन भर पानी टंकी से हजारों लीटर पानी
बरबाद होता रहता है, पर किसी का ध्यान जल संरक्षण पर नहीं जाता है.
कुछ ऐसा ही हाल स्टेशन के प्लेटफाॅर्म दो के समीप के पानी टंकी का भी है. इस टंकी से दिन भर में हजारों लीटर पानी बरबाद होता है. घंटों बिना कार्य के मोटर चलने से भी पानी बरबाद होता रहता है.

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