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बिजली तार या हादसे को निमंत्रण!

लापरवाही . अधूरा पड़ा है शहर में जर्जर बिजली के पोल व तार बदलने का काम विद्युत तार को व्यवस्थित करने के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च की गयी है. बावजूद इसके शहर समेत जिले के कई इलाकों में जर्जर विद्युत तार व पोल के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. इसके […]

लापरवाही . अधूरा पड़ा है शहर में जर्जर बिजली के पोल व तार बदलने का काम

विद्युत तार को व्यवस्थित करने के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च की गयी है. बावजूद इसके शहर समेत जिले के कई इलाकों में जर्जर विद्युत तार व पोल के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. इसके प्रति विद्युत विभाग के अधिकारी लापरवाह तथा उदासीन बने हुए हैं.
छपरा (सारण) : जिले में विद्युतीकरण योजना के कार्यान्वयन का कोई मास्टर प्लान विभाग के द्वारा अब तक नहीं बनाया गया है. राजनीतिक दबाव, पैसे व पैरवी के बल पर विद्युत पोल व तार बदलने की परंपरा आज भी कायम है. उपभोक्ताओं तथा नागरिकों की शिकायतों को बावजूद जर्जर पोल व तार नहीं बदले जा रहे हैं.
शहर के दर्जनाधिक स्थानों पर अभी भी खुले विद्युत तार सड़कों से गुजरे हैं. घनी आबादी वाले मुहल्लों के गली व सड़कों पर बांस-बल्ले के सहारे विद्युत तार दौड़ाये गये हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है. शहर में टोका फंसाने की संस्कृति पर लगाम नहीं लग पा रहा है.
शहर में हो चुके हैं कई हादसे
धारा प्रवाहित विद्युत तार टूट कर गिरने के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं, जिसमें असमय कई लोगों की जान भी जा चुकी है. विद्युत तार टूट कर गिरने और उसकी चपेट में आने से कई जानवर भी मर चुके हैं. फिर भी विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं. शहर के कुछ खास इलाकों में ही जीर्ण-शीर्ण विद्युत तार व पोल बदले गये हैं. नये पोल के साथ बदले जा रहे विद्युत तार की जगह अब कवरयुक्त तार दौड़ाया जा रहा है, जिसमें दुर्घटनाओं पर भविष्य में काबू पाया जा सकेगा.
कार्य की गति है काफी धीमी
जर्जर विद्युत पोल व तार बदलने के कार्य की गति काफी धीमी है. दो वर्ष से जिले में यह कार्य चल रहा है. फिर भी मुख्य सड़क के विद्युत पोल व तार बदलने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. मुहल्लों में अब भी पुराने तार व पोल से बिजली सप्लाइ हो रही है. इसे बदलने के लिए विद्युत की आपूर्ति भी रोकी जा रही है, फिर भी अपेक्षाकृत कार्य की गति तेज नहीं हो रही है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है.
नहीं बना है मास्टर प्लान
विद्युत पोल व तार लगाने के लिए विभाग की ओर से कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया है. इस वजह से विद्युत पोल ठेकेदारों के द्वारा मनमाने ढंग से अपनी सुविधानुसार गाड़ दिया जा रहा है और विद्युत तार को झुलाया जा रहा है. ट्रांसफाॅर्मर लगाने में भी आपदा प्रबंधन का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. बेतरतीब ढंग से झूलते विद्युत तार, जीर्ण- शीर्ण पोल के कारण प्राय: दुर्घटनाएं होती रहती हैं और इससे सड़क की भूमि का अतिक्रमण भी हो रहा है. शहर के सौंदर्यीकरण की योजना भी बाधित है. विद्युत पोल व तार लगाने में मानदंडों का पालन नहीं हो रहा है.
चार वर्ष पहले हुआ था हादसा : दरियापुर थाना क्षेत्र के मानपुर के पास 11 हजार वोल्ट का विद्युत तार टूट कर गिरने से पांच लोगों की मौत हो गयी थी. इसके पहले रिविलगंज में प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान तीन लोगों की मौत हो गयी थी. एक वर्ष पहले साढ़ा ढाला के पास विद्युत तार टूट कर गिरने से एक युवक की मौत हो गयी. इसके पहले एकमा में भी जर्जर विद्युत तार को ठीक कर रहे एक प्राइवेट मिस्त्री की मौत हो गयी थी.
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बांस-बल्लों पर झूल रहे हैं बिजली के तार
शहर में जारी है टोका फंसाने का दौर
कुछ खास इलाकों में ही जीर्ण-शीर्ण तार व पोल को बदल लगाये गये हैं कवरयुक्त तार

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