गीत व शायरी से वोटरों को लुभाने की हो रही है कोशिश
दिघवारा : पंचायत चुनाव नजदीक है, लिहाजा प्रखंड की 10 पंचायत अधीन गांवों में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान भी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. मतदाताओं को रिझाने व लुभाने की हरसंभव कोशिश जारी है.प्रचार में कहीं मनभावन गीतों की धूम है, तो कहीं पंपलेट पर छपी शेरो-शायरी के सहारे […]
दिघवारा : पंचायत चुनाव नजदीक है, लिहाजा प्रखंड की 10 पंचायत अधीन गांवों में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान भी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. मतदाताओं को रिझाने व लुभाने की हरसंभव कोशिश जारी है.प्रचार में कहीं मनभावन गीतों की धूम है, तो कहीं पंपलेट पर छपी शेरो-शायरी के सहारे प्रत्याशी वोटर तक अपने मन की बात रख रहे हैं.गायक व गायिकाओं के गाये कर्णप्रिय गीतों के बजने से माहौल कोलाहलपूर्ण के साथ उत्सवी भी दिख रहा है. भोजपुरी व हिंदी गीतों के सहारे प्रत्याशी जन-जन तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
खूब बज रहे गीत,चुनावमय हुए गली-मुहल्ले : कमोबेश हर पंचायत के गली -मुहल्लों में घुमनेवाली प्रचार गाड़ी पर लाउ डस्पीकर बजाये जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव की तरह ही एक गीत की गूंज खूब है.गाना पंचायत में बहार हो,फिर से फलना कुमार हो की गूंज सुनने को मिल रही है. इसके अलावा दर्जनों हिंदी व भोजपुरी गीत गांवों में सुबह से शाम तक सुनने को मिल रहे हैं, जिससे हर क्षेत्र चुनावी रंग में सराबोर होने की ओर अग्रसर है.
पंपलेट पर शायरी व विशेषणों की भरमार : चुनाव में किस्मत आजमा रहे जिला पार्षद,बीडीसी, मुखिया, सरपंच, वार्ड या पंच जैसे पदों के प्रत्याशियों के पंपलेट पर शेरो-शायरी की भरमार है. शायद ही किसी पंपलेट पर शायरी व दोहा लिखा न मिलता हो. किसी ने अपने पंपलेट पर लिखवाया है कि चेहरा नहीं चरित्र देखिये,व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व देखिये. किसी ने छपवाया है कि सबको इज्जत सबको मान, यही होगी हमारे कार्य की पहचान. ऐसे ही शब्दों व पंक्तिओं से पंपलेट भरे हैं.
कई जगह अनोखे अंदाज में हो रहा है प्रचार : चुनाव से पूर्व चल रहे प्रचार के तरीके अनोखे हैं. किसी ने अपनी बाइक पर हॉर्न बांध लिया है लिहाजा बाइक जहां जाती है, वहां प्रचार हो जाता है. कई प्रचार वाहन पोस्टर से पट गये हैं, तो कई प्रचार वाहनों पर बड़े साइज में थर्मोकोल से बना चुनाव चिज्न फिक्स कर दिया गया है, ताकि गाड़ी-जहां जहां पहुंचे, वहां लोग चुनाव चिह्न को आसानी से देख सकें.
शैक्षणिक डिग्री भी लिख रहे हैं कई प्रत्याशी : इस बार के चुनाव में वोटर को रिझाने के लिए कई प्रत्याशी अपनी शैक्षणिक डिग्री का भी सहारा ले रहे हैं.किसी ने पंपलेट में बीए लिखवाया है, तो किसी ने एमए की डिग्री का जिक्र किया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि वोटर ज्यादा पढ़े-लिखे प्रत्याशी को ज्यादा तरजीह देंगे, तो इसका लाभ उच्च योग्यताधारी प्रत्याशी को मिल सकेगा.
पंपलेट पर दिख रही है विशेषणों की भरमार
विधानसभा चुनाव के गीतों के तर्ज पर बज रहे हैं हिंदी व भोजपुरी गीत
शैक्षणिक डिग्री से भी रिझाने की हो रही है कोशिश