गंडक का बहाव रुकने से बाढ़ का खतरा

छपरा(सारण) : गंडक नदी का बहाव बाधित होने से सारण समेत उतर बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ का असर पूर्वी उतर प्रदेश के भी कई जिलों पर पड़ने की आशंका है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने गंडक नदी की बाढ़ के खतरे से सरकार को अवगत करा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2016 7:07 AM
छपरा(सारण) : गंडक नदी का बहाव बाधित होने से सारण समेत उतर बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ का असर पूर्वी उतर प्रदेश के भी कई जिलों पर पड़ने की आशंका है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने गंडक नदी की बाढ़ के खतरे से सरकार को अवगत करा दिया है और इससे निबटने की तैयारी में जुट गये हैं. दरअसल पिछले दो वर्षों के अंदर नेपाल में आये भूंकप के बाद हुए भूस्खलन के बाद गंडक नदी (भारत में गंडक) का बहाव रुक गया है. इससे नदी के रास्ते में आनेवाले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है. नेपाल प्रशासन ने बिहार सरकार को खतरे की आशंका के मद्देनजर आवश्यक प्रबंध करने का अनुरोध किया है. यह नदी भारत में यूपी के महाराजगंज व कुशीनगर और बिहार के पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण व मुजफ्फरपुर के रास्ते सोनपुर के पास गंगा में मिल जाती है.
भू स्खलन से बढ़ा खतरा : नेपाल के काठमांडू से करीब 140 किलोमीटर पश्चिमोत्तर म्यागदी जिले के रामची इलाके में हुए भूस्खलन की वजह से काली गंडकी नदी का प्रवाह रुक गया है. धारा रुकने से बनी कृत्रिम झील में लगातार पानी बढ़ रहा है. इससे पर्बत, स्यांग्जा, गुल्मी, पल्पा, नवलपारसी और चितवन जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. कृत्रिम झील का तटबंध टूटने से पानी भारत में प्रवेश करेगा और इससे महाराजगंज और कुशीनगर के साथ ही बिहार में भी बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है.
इधर, महाराजगंज में ठूठीबारी, सोनौली और निचलौल क्षेत्र के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. कुशीनगर में भी प्रशासन अलर्ट है. जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने बताया कि अभी कोई खतरा नहीं है. एहतियात के तौर संवेदनशील स्थलों पर नजर रखी जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और खतरे से निबटने का उपाय लगभग कर लिया गया है. वैसे एहतियात के तौर पर सरकार को अवगत करा दिया गया है.
अशोक केसरी, जल संसाधन विभाग कार्यपालक अभियंता, पडरौना

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