बाढ़ की िस्थति हुई गंभीर, आधा दर्जन एनएच पर आवागमन ठप
बढ़ी परेशानी . लाखों की आबादी बाढ़ से िघरी, लोगों में दहशत राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. सोमवार को गंगा, सोन तथा सरयू का पानी कई नये इलाकों में फैल गया. कई जगहों पर एनएच पर दो से चार फुट तक पानी बह रहा है. […]
बढ़ी परेशानी . लाखों की आबादी बाढ़ से िघरी, लोगों में दहशत
राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. सोमवार को गंगा, सोन तथा सरयू का पानी कई नये इलाकों में फैल गया. कई जगहों पर एनएच पर दो से चार फुट तक पानी बह रहा है.
पटना/छपरा : राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. छपरा, आरा, बक्सर, बिहारशरीफ, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में भी बाढ़ की स्थिति भयावह है. छपरा में गंगा, सोन तथा सरयू के पानी का कहर सोमवार को भी जारी रहा. गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसी बीच वाणसागर बराज से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद छपरा प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. छपरा के आठ प्रखंडों के करीब दस लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हैं. सैकड़ों गांवों का जिला व प्रखंड मुख्यालयों से संपर्क भंग हो गया है. छपरा-सीवान पथ पर सोमवार की सुबह से आवागमन बंद हो गया. इसके पहले से छपरा-पटना और छपरा-बलिया पथ पर आवागमन बंद है. छपरा-सोनपुर
बाढ़ की िस्थति हुई….
छपरा-बलिया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पायलेटिंग के सहारे हो रहा है. वहीं आरा में गंगा का जल स्तर घटने के बाद भी बाढ़ का विकराल रूप बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को गंगा का जल स्तर बड़हरा में 56 सेंटीमीटर घटा है. वहीं सोन नद का जल स्तर कोईलवर में 1.54 मीटर घटा है. फिर भी बड़हरा, शाहपुर, आरा, बिहिया और कोईलवर, सहार, संदेश, उदवंतनगर की 85 पंचायतों के 400 गांवों की छह लाख 50 हजार आबादी बाढ़ के पानी में घिरी है. आरा में अब तक बाढ़ से 26 लोगों के मरने की सूचना है. सोमवार को भी एक की मौत हुई है. एनएच 84 और आरा-सलेमपुर और आरा – सरैया मार्ग पर दो से ढाई फीट पानी लगा है.
बाढ़ के कारण बक्सर-सासाराम पथ पर आवागम पूरी तरह से ठप हो चुका है. गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी से अब शहर के रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस चुका है. बाढ़ का पानी शहर के कोईरपुरा, मालवीय नगर धोबीघाट, मठिया मुहल्ला, शांतिनगर, मलहचकिया, अहिरौली समेत निचले इलाकों में चढ़ना शुरू हो गया है.
झारखंड से नालंदा में आने वाली नदियों के उफान से बिहारशरीफ जिले में बाढ़ की तबाही जारी है. एकंगरसराय, हिलसा व करायपरशुराय प्रखंड के कई गांव पूरी तरह पानी से घिर गये हैं. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं. सोमवार को एनएच 30 ए पर होरिल बिगहा गांव के पास बाढ़ का पानी चढ़ जाने से चंडी-दनियावां मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. हरनौत व बेन प्रखंडों के निचले इलाकों में भी बाढ़ का कहर देखा जा रहा है.
हाजीपुर में गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से जिले की 25 पंचायतों की 60 हजार की आबादी बाढ़ से पीड़ित है. राघोपुर प्रखंड की 20 पंचायत, महनार के दो पंचायत और हाजीपुर, देसरी और सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के एक-एक पंचायत बाढ़ग्रस्त है.
बेगूसराय जिले के सात प्रखंडों की लगभग दो लाख 50 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में है. लगातार गंगा के जल स्तर में वृद्धि से पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. पानी के बढ़ते प्रेशर के कारण जिल के मटिहानी, बछवाड़ा में जहां बांध पर खतरा मंडरा रहा है वहीं बेगूसराय नगर निगम के कैलाशपुर के पास मुख्य सड़क ध्वस्त हो गयी है. इससे लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है.
उधर भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में भी बाढ़ की स्थिति भयावह है. जगह-जगह सड़कें टूट गयी हैं. एनएच पर पानी बह रहा है. मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर में स्थिति और भी गंभीर है. एनएच 80 पर आधा दर्जन जगहों पर दो से ढाई फीट पानी बह रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने राहत शिविर खोला है लेकिन वह नाकाफी है. मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रही है. लखीसराय में किउल व हरुहर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है.
खगड़िया में जीएन बांध पर दबाव बना हुआ है. कुछ जगहों पर पानी का रिसाव होने से ग्रामीण दहशत में हैं. भागलपुर व लखीसराय में डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी. पिपरिया में कई मवेशियों की माैत की खबर है.भागलपुर का कहलगांव से पिछले तीन दिनों से संपर्क टूटा हुआ है. सोमवार को एनएच 80 पर अकबरनगर व भवनाथपुर के बीच दो किलोमीटर तक पानी बहने से सुलतानगंज से भी संपर्क भंग हो गया. इन स्थानों पर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन ही और बाढ़ पीड़ितों के समक्ष सिर्फ नाव ही सहारा रह गया है. अन्य राज्यों व जिलों से अपने-अपने वाहनों से सुलतानगंज जानेवाले कांवरियों के सामने बड़ी दिक्कत हो गयी है.
मुंगेर में लगभग तीन लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. मुंगेर-भागलपुर राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर बरियारपुर में पानी का तेज बहाव हो रहा है तो दूसरी ओर बरियारपुर-खड़गपुर मार्ग पर पानी भर जाने के कारण आवागमन ठप हो गया है. मुंगेर शहर के दो दर्जन मुहल्लों के हजारों घरों में पानी प्रवेश कर गया है.
लखीसराय में किऊल व हरुहर नदी में उफान आ गया है़ इस वजह से बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गयी है. बड़हिया नगर परिषद क्षेत्र से होकर गुजरने वाले एनएच 80 पर भी जगह-जगह बाढ़ का पानी पार होने लगा है़ एनएच 80 पर हृदनबीघा गांव के समीप पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है. बड़हिया, पिपरिया, सूर्यगढ़ा एवं सदर प्रखंड के दो दर्जन से अधिक पंचायतों के 86 गांव के लोग बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हैं. बड़हिया में एक व्यक्ति की बाढ़ के
पानी में डूबने मौत हो गयी है. खगड़िया के गोगरी प्रखंड में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के बाद एक दर्जन पंचायतों पर बाढ़ का कहर जारी है. कटिहार के कुरसेला, बरारी, मनिहारी प्रखंड के चार दर्जन गांवों में गंगा का पानी फैल गया है. रविवार को बरारी का रिंग बांध टूटने के बाद कई गांव में बाढ़ का पानी फैल चुका है. लोग ऊंचे स्थलों में शरण लिए हुए हैं.
राज्य के सभी डाक्टरों व कर्मियों की छुट्टियां रद्द
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार से राज्य के सभी डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की छुट्टी को रद्द कर दिया है. विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि डाक्टर व चिकित्साकर्मियों को किसी भी प्रकार की छुट्टी इस दौरान नहीं दी जायेगी. जिला के सिविल सर्जनों व क्षेत्रीय उप निदेशकों को भेजे गये पत्र में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव प्रदीप कुमार झा ने निर्देश दिया है कि बाढ़ की स्थिति व संभावित महामारी के आलोक में सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य है. ऐसी स्थिति में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक के लिए देय नहीं होगी. अत्यंत गंभीर व आवश्यक स्थिति में कोई चिकित्सक अथवा कर्मचारी संबंधित जिलाधिकारी की लिखित पूर्वानुमति के बाद ही मुख्यालय छोड़ेंगे.
एनएच का निर्माण कार्य बाधित, पटना. गंगा सहित अन्य नदियों में पानी बढ़ने से पटना और आसपास के जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति हो गयी है. बाढ़ से कई जिलों में एनएच पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है. इतना ही नहीं पानी बढ़ने के कारण एनएच का निर्माण काम भी बाधित हुआ है. एनएच की स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारी बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा कर रहे हैं. पानी घटने के बाद सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के बारे में पता चलेगा. हाजीपुर-छपरा एनएच 19 का पटना से संपर्क कट गया है. छपरा शहर सहित आसपास के इलाके में एनएच पर पानी बह रहा है. कमर भर से अधिक पानी बहने से आवागमन ठप पड़ गया है. गया-बिहारशरीफ एनएच 82 पर हिसुआ के आसपास बाढ़ से आवागमन बाधित हुआ है. पानी के तेज बहाव से वहां पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. एनएच 31 पर बख्तियारपुर -मोकामा के बीच दो-तीन जगहों पर घुटने भर पानी बह रहा है. एनएच 30 पर मनेर के समीप पानी का बहाव तेज होने से आवागमन पर असर पड़ा है. मोकामा-मुंगेर एनएच 80 पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी बह रहा है. सबसे अधिक सबौर-कहलगांव के समीप तेज बहाव से सड़क को खतरा है. यह सड़क पहले से भी क्षतिग्रस्त है. आरा-बक्सर के बीच एनएच 84 पर पानी बह रहा है. छपरा-गोपालगंज एनएच 85 पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप है. वहीं एनएच का निर्माण काम भी बाधित हो गया है. इस सड़क काे दस मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है. बाढ़ को लेकर एनएच की स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारी संबंधित इलाके में दौरा कर रहे हैं. सड़कों पर पानी होने से यह पता नहीं लग रहा है कि सड़कों की क्या स्थिति है.
निर्माण काम पर भी असर
बाढ़ का असर सड़कों के निर्माण पर भी पड़ेगा. बरसात के बाद सड़कों के निर्माण काम शुरू करने की तैयारी थी. अब बाढ़ का पानी सूखने में दो से तीन माह लगेंगे. ऐसी स्थिति में सड़कों के निर्माण के लिए मिट्टी भरने की समस्या खड़ी होगी. बाढ़ के कारण हाजीपुर-छपरा एनएच 19 व छपरा-गोपालगंज एनएच 85 के निर्माण काम बाधित हो गया है. हाजीपुर-छपरा फोर लेन बनाने का काम हो रहा है, जबकि छपरा-गोपालगंज एनएच को दस मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है. दोनों एनएच का निर्माण काम ठप पड़ गया है. बरसात के बाद पटना-बक्सर व बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन का काम शुरू होने की तैयारी थी. बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ है. वहां सड़क निर्माण का काम शुरू होना है. पटनासहित आसपास के जिले में बाढ़ को लेकर पटना-बक्सर फाेर लेन निर्माण पर असर पड़ेगा.