सारण – छपरा (कोर्ट) : मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित विद्यालय में विषाक्त मीड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में बुधवार को कोर्ट ने तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को दोषी करार दिया है. वहीं, कोर्ट ने मीना देवी के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने अधिवक्ताओं से खचाखच भरे न्यायालय में गंडामन मामले में फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त व विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को भादवि की धारा 304 और 308 के तहत दोषी करार दिया.
29 अगस्त को सुनायी जायेगी सजा
सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 29 अगस्त की तारीख तय की है. तीन वर्ष एक माह आठ दिन पूर्व मशरक के गंडामन में विषाक्त मिड डे मील से 23 बच्चों की मौत हो गयी और दर्जन भर बच्चे बीमार हो गये थे. इस घटना का शिकार हुए आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मीना देवी समेत अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया था. न्यायाधीश ने प्रधान शिक्षिका पर लगे भादवि की धारा 302, 307 और 328 को हटाते हुए उसे 304 और 308 में दोषी करार दिया है. वहीं, अर्जुन राय के विरूद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने के कारण उसे आरोपमुक्त किये जाने का आदेश दिया है.
क्या कहते हैं लोक अभियोजक
लोक अभियोजक सुरेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि न्यायाधीश ने मुख्य आरोपित मीना देवी के विरुद्ध 29 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. फैसला आने के बाद आगे की कार्यवाही पर विचार करेंगे. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता भोला प्रसाद ने कहा कि वे न्यायालय व उसके फैसले सम्मान करते हैं. अर्जुन के पक्ष में जो निर्णय हुआ है उससे संतुष्टि मिली है. 29 अगस्त को फैसला आने के बाद वे अगली रणनीति पर विचार करेंगे.