पटना हाइकोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे मुखिया व सचिव

छपरा : मशरक प्रखंड के कर्ण कुदरिया पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने माननीय पटना हाइकोर्ट के एकल एवं खंड पीठ आदेशों की खुली अवहेलना कर रहे है. आलम यह है कि एक मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और असहानुद्दीन, अमानुललाह की खंड पीठ ने न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के एकल पीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2016 6:25 AM
छपरा : मशरक प्रखंड के कर्ण कुदरिया पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने माननीय पटना हाइकोर्ट के एकल एवं खंड पीठ आदेशों की खुली अवहेलना कर रहे है.
आलम यह है कि एक मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और असहानुद्दीन, अमानुललाह की खंड पीठ ने न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के एकल पीठ के निर्णय को मान्य करार देते हुए अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पात्र अभ्यर्थी संजीत कुमार की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है, जिसे पंचायत सचिव और मुखिया किसी तरह से मानने को तैयार नहीं है और मनमाने तरीके से पंचायत शिक्षक चांदनी कुमारी को कार्यरत रखते हुए वेतन भुगतान करा रहे है. मशरक प्रखंड की प्राथमिक विद्यालय लखनपुर में कार्यरत चांदनी कुमार के बतौर शिक्षिका के नियोजन को हाइकोर्ट ने सीडब्लूजेसी- 13187/10 में पारित आदेश दिनांक 18 नवंबर 2014 के माध्यम से रद्द कर चुका है. उक्त आदेश के खिलाफ चांदनी कुमारी ने एलपीए नंबर-290/2015 दायर किया, जिसे उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश 5 मई 2016 की ओर से खारिज कर दिया गया और एकल पीठ के निर्णय पर मुहर लगा दी.
उक्त मामले में राज्य सरकार, सारण के जिलाधिकारी, डीएसइ, बीडीओ, मुखिया, पंचायत सचिव आदि सभी पक्षकार थे तथा हाइकोर्ट ने इन्हें आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया था. एकल पीठ के निर्णय की तिथि से लेकर आज तक पात्र अभ्यर्थी संजीत कुमार अधिकारी के पास रोजाना आवेदन लेकर दौड़ रहे है तथा गुहार लगा रहे है. बावजूद इसके इन अधिकारियों ने हाइकोर्ट के उक्त आदेशों की अवहेलना करते हुए चांदनी कुमारी से कार्य करा रहे है और वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है.

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