छपरा-थावे रेलखंड. अब मीटरगेज इंजन जायेंगे दक्षिण अफ्रीका
Advertisement
विदेशों में चलेंगे देशी इंजन
छपरा-थावे रेलखंड. अब मीटरगेज इंजन जायेंगे दक्षिण अफ्रीका में खीचेंगे ट्रेन छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के मीटरगेज इंजन अब साउथ अफ्रीका में ट्रेन खीचेंगे. रेलवे की रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकनोमिकल सर्विस (आरआईटीएस) कंपनी ने सभी मंडलों के कार्यालयों से रेल इंजनों की उपलब्धता का ब्योरा मांगा गया है. जिन्हें साउथ अफ्रीका के मोजांबिक […]
में खीचेंगे ट्रेन
छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के मीटरगेज इंजन अब साउथ अफ्रीका में ट्रेन खीचेंगे. रेलवे की रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकनोमिकल सर्विस (आरआईटीएस) कंपनी ने सभी मंडलों के कार्यालयों से रेल इंजनों की उपलब्धता का ब्योरा मांगा गया है. जिन्हें साउथ अफ्रीका के मोजांबिक रेल डिवीजन में चलाया जायेगा. इंजन भेजने से पहले उनकी रिपेयरिंग एनइ रेलवे के रेल कारखाना वाराणसी तथा इज्जतनगर में होगी.
एनइ रेलवे के नाम एक और रिकार्ड जूड़ने जा रहा है.
करीब तीन महीने पहले ही यहां स्पेन की टैल्गो ट्रेन की असेंबलिंग हो चुकी है. अब यहां के मीटरगेज इंजन साउथ अफ्रीका के मोजांबिक रेल डिवीजन में ट्रेनों को खीचेंगे. आरआइटीएस ने डीजल शेड से इंजन मांगे हैं. एक पत्र कारखाना को भी लिखा गया है. जिसमें इंजनों की रिपेयरिंग के लिए सहमति भी मांगी गयी है. बता दें कि अब काफी कम मीटरगेज ट्रैक पूर्वोत्तर रेलवे में बचा है.
इसलिए मीटरगेज इंजन का अब वजूद खत्म हो रहा है. दो-तीन रेलखंड हैं, जिनमें मीटरगेज गाड़ियां चलती थी. जिन्हें बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित करने का कार्य चल रहा है, जो रेलखंड छोटी लाइन रह गये है. आनेवाले वर्षों में बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित कर दिये जायेंगे. ऐसी परिस्थिति में छोटी रेल लाइन के इंजन बेकार हो जायेंगे. जिसे विदेशों में निर्यात कर रेलवे ने धन अर्जित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है.
इन रेलखंडों का हो रहा है अामान परिवर्तन : छपरा-थावे रेलखंड का अमान परिवर्तन चल रहा है. इस रेलखंड पर चलने वाली एक दर्जन ट्रेनों के इंजन बेकार पड़े है. इस रेलखंड को बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित किया जा रहा है. इसी वर्ष इस रेलखंड के अमान परिवर्तन का कार्य पूर्ण हो जाने की संभावना है. छपरा से मशरक तक कार्य लगभग अंतिम चरण में है. शुरुआती दौर में छपरा से मशरक तक बड़ी रेल लाइन के ट्रेनों को चलाने की तैयारी भी की जा रही है.
मशरक से थावे तक रेल लाइन के अमान परिवर्तन का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. थावे से कप्तानगंज तक छोटी रेल लाइन के अमान परिवर्तन का कार्य पहले ही पूर्ण हो चुका है. इस रेलखंड पर बड़ी रेल लाइन के ट्रेनों के परिचालन हो रहा है. सीवान से थावे के बीच छोटी लाइन को बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित किया जा चुका है.
मोजांबिक में इंजनों की होगी असेंबलिंग
अधिकारियों के मुताबिक साउथ अफ्रीका की रेल तकनीकी अलग है. यहां से जो इंजन जायेंगे. उन्हें वहां के ट्रैक पर दौड़ने के लायक तैयार किया जायेगा. वहां के रेल ट्रैक के अनुसार इंजन में पहिये लगाये जायेंगे. इंजन का ऊपरी हिस्सा भी आकर्षक बनाया जायेगा. यहां के इंजन पहले भी विदेश जा चुके हैं. तीन साल पहले भी यहां से तंजानिया चार-पांच इंजन भेजे गये थे. बांग्लादेश में इंजन और ब्रॉडगेज के एसी कोच भी भेजे गये है. यहां से जब तंजानिया रेल इंजन भेजे गये थे, तब यहां के रेल इंजीनियर और मैकेनिकल स्टॉफ को भी दो साल के लिए वहां भेजा गया था. साउथ अफ्रीका में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां रेल लाइन डवलप की जा रही है. वहां भारतीय रेल के मीटरगेज इंजन गाड़ियों को खीचेंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
छोटी रेल लाइन का बड़ी रेल लाइन में अमान परिवर्तन करने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के पास बेकार पड़े इंजनों को दुनिया के दूसरे देशों में बेचने की कार्रवाई चल रही है. फिलहाल साउथ अफ्रीका में छोटी रेल लाइन के इंजन खरीदने का करार पूर्वोत्तर रेलवे के साथ किया है. इंजन कामयाब है,
लेकिन छोटी रेल लाइन नहीं बचने के कारण इसकी उपयोगिता समाप्त हो गयी है. इस वजह से इंजनों को दूसरे देशों से बेचा जा रहा है. इससे रेलवे को काफी राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.
अशोक कुमार, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement