छपरा (सदर) : सरकार की नोट बंदी का असर जिले में जमीन की खरीद बिक्री पर भी पड़ा है. 8 अक्तूबर को केंद्र सरकार के पांच सौ तथा एक हजार के नोटबंदी की घोषणा के बाद जिला निबंधन कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री 75 से 80 फीसदी तक घट गयी है. वहीं जमीन की खरीद बिक्री का जो निबंधन हो रहा है उनमें 80 फीसदी पूर्व के बनाये गये चालान का है.
साथ ही जो नया चालान बन रहा है वह काफी कम कीमत की निबंधन शुल्क वाला. ऐसी स्थिति में निबंधन कार्यालय में सन्नाटा के साथ-साथ इस पेशे में जुड़े दस्तावेज नवीसों के पेशे पर भी पड़ा है. जमीन की खरीद बिक्री करने वाले भी इन दिनों जमीन की खरीद बिक्री के कार्य में अपने को शिथिल दिख रहे है. हर के जुबान पर एक ही बात है कि पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद ही अगले महीने इस पेशे में तेजी लायी जायेगी. जिला निबंधन कार्यालय के अनुसार जिला मुख्यालय में प्रतिदिन औसतन 35 से 40 जमीन की खरीद बिक्री से संबंधित पंजीयन होता था. परंतु, 8 नवंबर को सरकार के 500 तथा 1 हजार रुपये नोट की खुले बाजार में बंदी की घोषणा के बाद
जिला निबंधन कार्यालय में औसतन 10 से 11 जमीन की रजिस्ट्री हो रही है. 9 से 12 नवंबर तक महज 41 जमीन की रजिस्ट्री हुई है. जिसमें 9 नवंबर को 10, 10 नंबर को 7, 11 नवंबर को 9 तथा 12 नवंबर को 15 जमीन की रजिस्ट्री हो पायी है. इसी प्रकार 9 नवंबर को मशरक तथा सोनपुर निबंधन कार्यालय में शून्य, 10 नवंबर को सोनपुर, मशरक, एकमा में शून्य तथा मशरक में निबंधन की संख्या शून्य रही है.