देवर की बरात की जगह निकली भाभी की अर्थी

दिघवारा : कानपुर के पुखराया के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए इंदौर पटना एक्सप्रेस में अपनी जान गंवा बैठी दिघवारा के राइपट्टी निवासी संजय जायसवाल की पत्नी डॉली जायसवाल का अंतिम संस्कार सोमवार को उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में किया गया जहां मुखाग्नि उसके पति संजय ने दी. मां के शव से लिपटकर दोनों बच्चों के रोने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2016 5:52 AM

दिघवारा : कानपुर के पुखराया के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए इंदौर पटना एक्सप्रेस में अपनी जान गंवा बैठी दिघवारा के राइपट्टी निवासी संजय जायसवाल की पत्नी डॉली जायसवाल का अंतिम संस्कार सोमवार को उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में किया गया जहां मुखाग्नि उसके पति संजय ने दी.

मां के शव से लिपटकर दोनों बच्चों के रोने का दृश्य देखकर हर किसी की आंखे नम थी तो परिजन व रिश्तेदार अपनी किस्मत को कोस रहे थे. बदकिस्मती देखिये,जिस सोमवार को घर से बेटे की बारात निकलनी थी उसी घर से उसी दिन बहू की अर्थी निकली. जिस घर में चंद दिनों पहले उत्सवी माहौल था,उसी घर में रविवार को जैसे ही बहू की मौत की खबर पहुंची तो पलभर में उत्सवी माहौल गमगीन हो गया और सारी तैयारियां जस की तस रह गयी.

मंगल गीतों की जगह परिजनों के विलाप से पूरा माहौल ही बदल गया. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के आनंदनगर में जगदीश जायसवाल के बेटे सूरज की शादी 21 नवंबर को निर्धारित थी.अपने इसी चचेरे देवर की शादी में शामिल होने डॉली इंदौर से इंदौर पटना एक्सप्रेस से गोरखपुर आ रही थी,मगर ट्रेन के एक्सीडेंट होने के साथ ही डॉली की जिंदगी की गाड़ी भी बेपटरी हो गयी और वह जिंदगी को अलविदा कह गयी.उधर जैसे ही ट्रेन हादसे में बहू के मौत की खबर जगदीश जायसवाल को मिली तो उन्होंने तुरंत अपने बेटे सूरज के विवाह कार्यक्रम को रद्द कर दिया जो सोमवार को होना था.
आये थे शादी में, शरीक हुए अंत्येष्टी में : दूरदराज से शादी में शरीक होने आनंदनगर पहुंचने वाले रिश्तेदारों ने सोचा भी नहीं होगा कि उनलोगों को बेटे के विवाह में शामिल होने की जगह बहू के दाह संस्कार में शामिल होना पड़ेगा. सोमवार को डॉली का पोस्टमार्टम किया हुआ शरीर जैसे ही उसके ससुराल पहुंचा तो हर किसी की आंखे नम थी और हर कोई किस्मत को कोस रहा था.जिन चेहरों पर बेटे के बारात निकलने के वक्त खुशी दिखनी थी,उस सभी चेहरों पर बहू डॉली के अंतिम यात्रा में शामिल होने के वक्त आंसू छलक रहे थे,बंद जुबान के बीच नयनों से बहती अश्रुधाराएं हर किसी के दर्द को बयां कर रहा था.
अपने चचेरे देवर की शादी में शामिल होने डॉली इंदौर से आ रही थी आनंदनगर
21 नवंबर को देवर की होनी थी शादी,भाभी की मौत के कारण हुआ रद्द हुआ विवाह कार्यक्रम
स्कूल से छुट्टी नहीं मिलने के कारण अपने दो बच्चों के साथ नहीं ला सकी थी डॉली
,बची दोनों की जान,सिर से उठा मां का साया
स्कूल की छुट्टी ने बचायी संजय के दो बच्चों की जान
राइपट्टी के संजय लगभग पंद्रह साल पहले अपने परिवार के साथ यूपी के महाराजगंज सिफ्ट कर गए थे.फिर इंदौर में संजय को प्राइवेट नौकरी मिली तो उसने अपने परिवार को इंदौर सिफ्ट कर लिया.अपने चचेरे भाई की शादी में संजय को सपरिवार यूपी के आनंदनगर आना था मगर स्कूल प्रबंधन ने उसकी बेटी लक्की जायसवाल(15 साल) और बेटा कुणाल जायसवाल(12 साल)
की छुट्टी को मंजूर नहीं किया जिसकारण अपने बच्चों को छोड़कर ही डॉली अपने चचेरे देवर की शादी में शामिल होने अकेले ही इंदौर पटना एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुई जो उसके जीवन की अंतिम यात्रा बन गयी.स्कूल द्वारा छुट्टी नहीं दिए जाने के कारण ही दोनों बच्चों की जिंदगी भी बच गयी.बच्चों की जानें तो बच गयी मगर दोनों के सिर से हमेशा के लिए मां का साया उठ गया.
बिखरी पड़ी थीं लाशें, दिल दहलाने वाला खौफनाक था मंजर : संजय

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