कुहासे की मार, ट्रेनों की थमी रफ्तार
आफत. चार से 24 घंटे विलंब से चल रही हैं ट्रेनें, स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ी परेशानी छपरा (सारण) : घने कुहासे के कारण ट्रेनों की रफ्तार थम-सी गयी है. सड़कों पर चलनेवाले वाहनों की गति भी प्रभावित हुई है. पिछले दो दिनों से कुहासे की मार से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. […]
आफत. चार से 24 घंटे विलंब से चल रही हैं ट्रेनें, स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ी परेशानी
छपरा (सारण) : घने कुहासे के कारण ट्रेनों की रफ्तार थम-सी गयी है. सड़कों पर चलनेवाले वाहनों की गति भी प्रभावित हुई है. पिछले दो दिनों से कुहासे की मार से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. करीब आधा दर्जन स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं 24 घंटे के अंदर हुईं हैं. छपरा से होकर गुजरनेवाली लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेनों का आवागमन चार से 24 घंटे तक विलंब से हो रहा है. वहीं महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन पायलेटिंग के सहारे किया जा रहा है. रेलवे ट्रैक पर पैट्रोलिंग भी शुरू कर दी गयी है.
सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात में चलनेवाले वाहनों के परिचालकों को जागरूक करने की दिशा में परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. घने कोहरे के साथ ठंड भी बढ़ गयी है. इसके साथ ठंड से होने वाली बीमारी का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. खासकर वृद्ध और बच्चों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. स्कूल जानेवाले छोटे बच्चों को ठंड से ठिठुरते हुए स्कूल जाना पड़ रहा है.
ट्रेनों की रफ्तार पर पड़ रहा असर : घने कुहासे के कारण ट्रेनों की रफ्तार थम गयी है. लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेनों का आवागमन चार से लेकर 24 घंटे तक विलंब से हो रहा है. इस वजह से यात्रियों को छपरा जंकशन पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट, ग्वालियर मेल, जनसेवा एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, लिच्छवी एक्सप्रेस, अाम्रपाली एक्सप्रेस, सद्भावना एक्सप्रेस, वैशाली सुपर फास्ट, स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट समेत करीब दो दर्जन ट्रेनों का आवागमन विलंब से हुआ.
पायलेटिंग के सहारे चल रही हैं ट्रेनें : छपरा जंकशन से होकर गुजरने वाली करीब आधा दर्जन ट्रेनों का परिचालन पायलेटिंग के सहारे हो रहा है. राजधानी एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट, अवध असम एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस, लखनऊ बरौनी एक्सप्रेस समेत आधा दर्जन ट्रेनों का परिचालन पायलेटिंग के सहारे किया जा रहा है. लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेनों के आगे पायलेट इंजन चलाया जा रहा है. रात के समय छपरा-सोनपुर, छपरा-सीवान और छपरा बलिया रेलखंडों पर पायलेटिंग की व्यवस्था की गयी है. छपरा-सोनपुर रेलखंड पर रात में गुजरने वाली ट्रेनों की पायलेटिंग प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है.
कुहासे के कारण आधा दर्जन स्थानों पर हुए सड़क हादसे लगातार दूसरे दिन भी रहा घना कुहासा
इन स्थानों पर हुईंं दुर्घटनाएं
छपरा-मांझी पथ पर गोदना मोड़ के समीप बरातियों को लेकर जा रहा एक चरपहिया वाहन कुहासे के कारण मंगलवार की सुबह गड्ढे में पलट गया, जिसमें सवार तीन यात्री घायल हो गये.
मझनपुरा रेलवे क्रॉसिंग के समीप माल वाहक एक ट्रक गड्ढे में मंगलवार की सुबह में पलट गया. इस वजह से करीब दो घंटे तक सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.काफी मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन के सहयोग से सड़क जाम हटाया गया.
छपरा-पटना मुख्य मार्ग पर मेहरौली के समीप कुहासे के कारण एक टेंपो बिजली के खंभे से टकरा गय.ा हालांकि टेंपो में चालक के अलावा कोई अन्य यात्री सवार नहीं था.
छपरा-जलालपुर पथ पर सगड्डी गांव के समीप बाइक सवार दो युवक कुहासे के कारण दुर्घटना के शिकार हो गये, जिनका उपचार छपरा सदर अस्पताल में कराया गया.
छपरा-खैरा पथ पर मुसेहरी गांव के समीप एक बाइक सवार को बोलेरो ने ठोकर मार दी. दुर्घटना का कारण कुहासा बताया जाता है. धक्का मारने के बाद चालक बोलेरो लेकर फरार हो गया.
मढ़ौरा-अमनौर एसएच-73 पर कुहासे के कारण एक कार गड्ढे में पलट गयी, जिसमें सवार चालक समेत तीन लोग जख्मी हो गये. उनका इलाज स्थानीय पीएचसी में कराया गया.
छपरा जंकशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री व कुहासे के बीच वाहन चलाते लोग.
क्या कहते हैं अधिकारी
कुहासे के कारण ट्रेनों की गति नियंत्रित कर चलाया जा रहा है. इस वजह से समय पालन में बाधा उत्पन्न हो रही है. संरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे ट्रैक पर रात्रि में ट्रैक मैन व गैंगमैन से पैट्रोलिंग करायी जा रही है. रात्रि में छपरा से होकर गुजरने वाली लंबी दूरी के महत्वपूर्ण ट्रेनों की पायलेटिंग भी करायी जा रही है.
अशोक कुमार, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल, पूर्वोत्तर रेलवे
फॉग सिगनल का हो रहा है प्रयोग
कुहासे के कारण ट्रेनों के आगमन के समय होम तथा आउटर सिगनलों पर फॉग सिगनल (पटाखा) का प्रयोग शुरू कर दिया गया है. संरक्षा की दृष्टिकोण से रेलवे प्रशासन ने यह कदम उठाया है. छपरा जंकशन के अलावा सभी छोटे- बड़े स्टेशनों पर फॉग सिगनल रात के समय लगाने के निर्देश दिये गये हैं. रेलवे ट्रैक पर पैट्रोलिंग तथा अनुरक्षण का कार्य भी बढ़ा दिया गया है. सभी रेलखंडों पर रात के समय पैट्रोलिंग करायी जा रही है और दिन में रेलवे ट्रैक के अनुरक्षण का कार्य चल रहा है.