थाली से दूर हो रही सेंकुआ लिट्टी लिट्टी

आस्ट्रेलिया से आ रहा है चना 200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा सत्तू मक्के की सत्तू से ग्रामीण चला रहे काम छपरा : बिहार का मशहूर व्यंजन लिट्टी पर चना की महंगाई भारी पड़ गयी है. खास कर ठंडा के मौसम में यह गरमा-गरम व्यंजन लोगों की थाली से मुंह मोड़ लिया है. आम से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2016 7:57 AM
आस्ट्रेलिया से आ रहा है चना
200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा सत्तू
मक्के की सत्तू से ग्रामीण चला रहे काम
छपरा : बिहार का मशहूर व्यंजन लिट्टी पर चना की महंगाई भारी पड़ गयी है. खास कर ठंडा के मौसम में यह गरमा-गरम व्यंजन लोगों की थाली से मुंह मोड़ लिया है. आम से खास तक यह बिहारी व्यंजन बड़े चाव से पसंद करता आया है. पर चना की सत्तूके दामों में हो रहे उछाल से सभी त्रस्त हैं.
हालांकि विकल्प के तौर पर गांवों में लोग मक्का की सत्तू भर कर काम चला रहे हैं तो गरीब परिवार आलू का भभरी से ठंड काट रहे हैं. 130 रुपये प्रति किलोग्राम आसमान छूता चने के भाव ने केवल आम लोगों की ही नहीं बल्कि इसे जुड़े कारोबारियों को भी चंगुल में ले लिया है. कई व्यवसायियों की दुकानें तो लिट्टी से ही प्रसिद्ध हो चुकी हैं.
पर सत्तू की बढ़ती मंहगाई ने उनको भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. रसूलपुर चट्टी के लिट्टी कारोबारी बंधु योगेन्द्र व राजेंद्र प्रसाद बताते हैं कि चने की बढ़ती महंगाई के कारण इसका ब्रांडेड सत्तू 200 रुपये से ऊपर बिक रहा है. इसलिए हम काफी परेशान हैं. ठंडी के मौसम में लिट्टी चोखा की मांग में काफी बढ़ोतरी हो जाती है पर महंगाई के कारण उपभोक्ता चाह कर भी भरपेट नहीं खा रहे.

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