मंदिर की दीवार गिराने पर ग्रामीणों का हंगामा

सोनपुर : प्रखंड के नजरमीरा पंचायत अन्तर्गत राहरदियरा चौक पर निर्माणाधीन मां दुर्गा की मंदिर को स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर तोड़े जाने को लेकर वहां के लोगो ने भारी हंगामा किया. यहां सरकारी जमीन पर बने भगवान शंकर के मंदिर के ठीक बगल पश्चिम में देवी दुर्गा के मंदिर का निर्माण जन सहयोग से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2017 12:36 AM

सोनपुर : प्रखंड के नजरमीरा पंचायत अन्तर्गत राहरदियरा चौक पर निर्माणाधीन मां दुर्गा की मंदिर को स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर तोड़े जाने को लेकर वहां के लोगो ने भारी हंगामा किया.

यहां सरकारी जमीन पर बने भगवान शंकर के मंदिर के ठीक बगल पश्चिम में देवी दुर्गा के मंदिर का निर्माण जन सहयोग से चल रहा है. मंदिर की निर्माणाधीन दीवार लगभग सात फुट तक निर्मित हो चुकी है. जैसे ही स्थानीय प्रशासन को यह सूचना मिली कि सरकारी भूमि पर मन्दिर का निर्माण कुछ लोगो द्वारा किया जा रहा है कि वहां से दल-बल के साथ पहुंचे अंचलाधिकारी ने उक्त मंदिर की दीवार को ढहवा दिया. यह खबर गांव में पहुंचते ही बड़ी संख्या में निर्माणाधीन मंदिर के समीप लोग जुट गये और सीओ व स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे.
गांव वालों ने इस घटना से स्थानीय विधायक डॉ रामानुज प्रसाद को भी अवगत कराया. इधर स्थिति बिगड़ती देख सोनपुर पुलिस को सूचना दी गई. तत्पश्चात इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष अरूण मालाकार ने पुलिस बल के साथ वहां पहुंच आक्रोशित लोगो को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत कराया. परन्तु, अभी यह आग पूरी तरह ठंडी नहीं हुई है. श्रद्धालुओं में अंचलाधिकारी के इस रवैये के खिलाफ भारी रोष है. मौके पर मौजूद मंदिर निर्माण करने वाले लोगो ने बताया कि पहले माता दुर्गा की प्रतिमा शारदीय नवरात्र के समय रेलवे विनोद भवन में स्थापित किया जाता था.
यह प्रथा जब यहां बड़ी संख्या में बंगाली रेल कर्मी कार्यरत थे, तभी से चला आ रहा है. अब रेल प्रशासन ने पूजा के नाम पर विनोद भवन आवंटित किये जाने से मना कर दिया है. इसी मद्देनजर राहरदियरा चौक पर इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. ताकि विजयादशमी के पूर्व यहां देवी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया जा सके. इस घटना से आक्रोशित लोगो और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति बना हुआ है. जहां एक ओर ग्रामीण हर हाल में मंदिर निर्माण कार्य करने को लेकर अडिग है. वही दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन किसी भी तरह सरकारी भूमि पर मंदिर का निर्माण नहीं होने देना चाहता.

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