छपरा : जेल में छापेमारी के दौरान बंदियों ने किया पथराव, जेलकर्मियों में दहशत

छपरा (सदर): बिहार में पूर्व से ही संवेदनशील रहे छपरा मंडल कारा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. छपरा मंडल कारा में लूट और हत्या समेत कई संगीन अपराधों के गुनहगार कुख्यात अरुण साह के वार्ड में बुधवार को जेल पुलिस ने छापेमारी की. इस क्रम में पुलिस को दो मोबाइल भी मिले. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 3:31 PM

छपरा (सदर): बिहार में पूर्व से ही संवेदनशील रहे छपरा मंडल कारा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. छपरा मंडल कारा में लूट और हत्या समेत कई संगीन अपराधों के गुनहगार कुख्यात अरुण साह के वार्ड में बुधवार को जेल पुलिस ने छापेमारी की. इस क्रम में पुलिस को दो मोबाइल भी मिले. छापेमारी का वार्ड में बंद अरुण के साथियों ने जमकर विरोध किया और पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान जेल के दो पुलिस कर्मियों के घायल होने की भी सूचना है. घटना के बाद जेल में अफरातफरी मच गयी.

दोनों जख्मी पुलिस कर्मियों को आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया.जानकारीके मुताबिक सुबह में जेलकर्मी कुख्यात अरुणसाह के वार्ड की तलाशी करने गये थे. जेलकर्मी जैसे ही वार्ड की तलाशी लेने पहुंचे कि अरुण व उसके साथी बंदियों ने हमला बोल दियाऔर पथराव करने लगे. इसमें दो पुलिस कर्मियों का सर फट गया.

इधर जेल में पथराव की सूचना जेलकर्मियों ने जेल अधीक्षक को दी. इस बारे में अधीक्षक ने जिला प्रशासन व टाउन थाने को जानकारी दी. सूचना मिलते ही सदर एसडीओ व सहायक पुलिस अधीक्षक दलबल के साथ जेल में पहुंच गये. उनके पहुंचने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई. फिर वार्ड की तलाशी शुरू की गयी और अरुण के र्वाड से दो मोबाइल जब्त किये गये. जेल से लौटने के बाद सदर एसडीओ व एएसपी डीएम दीपक आनंद से मिलेऔर उन्होंने कुख्यात अरुण को छपरा जेल से अन्यत्र स्थानांतरित करने की सिफारिश की.

मामला दर्ज कर की जा रही है जांच : पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज की माने तो तलाशी के दौरान दो मोबाइल जब्त होने के बाद ही बंदियों ने जेल कर्मियों पर हमला कर दिया. जिससे कुछ जेल कर्मी जख्मी हुए हैं. पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है. हालांकि छपरा जेल में जेलर तथा चार सहायक जेलर में से तीन सहायक जेलर का पद रिक्त होने के अलावा 100 में 67 कक्षपाल का पद रिक्त होने के कारण भी असहाय महसूस कर रहा है.

अरुण के कथित कारगुजारियों से पदाधिकारी व कर्मी परेशान
कुख्यात अरुण साह की कारगुजारियों से जहां कारा प्रशासन परेशान है. वहीं जिला पुलिस व शहर के व्यवसायियों में भी भय का माहौल है. छपरा नगर थाना क्षेत्र के सलेमपुर निवासी अरुण साह की कथित राजनीति पहुंच के कारण मंडल कारा के पदाधिकारी व कर्मी भी परेशान है. उसकी मनमानी तथा जेल में सभी 11 में एक भी सेल (प्रकोष्ठ) उपयोगी नहीं होने के कारण चाह कर भी कारा प्रशासन अरुण को अलग नहीं रख पा रहा है. वहीं बंदियों के साथ रखने की कारा प्रशासन की मजबूरी का फायदा उठाकर अरुण कारा में भी अपनी दबंगई दिखा रहा है. जिसका उदाहरण बुधवार को तलाशी करने गयी टीम पर अपने समर्थकों के साथ हमला है.

2016 से जेल में बंद है अरुण साह
मंडल कारा छपरा में जनवरी 2016 से ही बंद अरुण साह एक मुकदमे में छपरा जेल में बंद है. पुलिस के अनुसार इसके विरूद्ध राजस्थान के गौसा में भी अपहरण का मुकदमा दर्ज है. जहां कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायिक पदाधिकारी ने अरूण को गौसा कोर्ट भेजने के लिए छपरा प्रशासन व कारा प्रशासन को पत्राचार किया था. जिसके आलोक में काराधीक्षक के पत्र के बाद छपरा कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारी ने गौसा कोर्ट भेजने की अनुमति दे दी, परंतु कारा प्रशासन के अगस्त से लेकर दिसंबर तक आधा दर्जन पत्राचार के बावजूद पुलिस अधीक्षक ने गार्ड उपलब्ध नहीं कराया.

इस बीच जनवरी 2017 में अरूण साह का छपरा कोर्ट में चलने वाला मुकदमा सिविल कोर्ट छपरा के एडीजे दो के न्यायालय में स्थानांतरित हो गया. ऐसी स्थिति में स्थानांतरित कोर्ट में कारा प्रशासन के पत्राचार के बाद अबतक राजस्थान के गौसा कोर्ट ले जाने की अब अनुमति नहीं मिल रही है जिससे कारा प्रशासन चाहकर भी अरूण साह को दूसरे कोर्ट में स्थानांतरित नहीं कर रहा है.

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