अधिसूचित नगर निगम . पदाधिकारियों के नये पदों का होगा सृजन
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20 फीसदी बढ़ेगा जमीन निबंधन शुल्क
अधिसूचित नगर निगम . पदाधिकारियों के नये पदों का होगा सृजन छपरा (सदर) : छपरा नगर निगम के अधिसूचित होने के बाद नगर निगम के गठन की प्रक्रिया के बाद निश्चित तौर पर शहरवासियों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15 से 20 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा. वहीं नगर निगम क्षेत्र के […]
छपरा (सदर) : छपरा नगर निगम के अधिसूचित होने के बाद नगर निगम के गठन की प्रक्रिया के बाद निश्चित तौर पर शहरवासियों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15 से 20 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा. वहीं नगर निगम क्षेत्र के जमीनों की खरीद बिक्री की शुल्क भी 15 से 20 फीसदी बढ़ेगी जो निश्चित तौर पर शहरवासियों के लिए आर्थिक बोझ होगा. वहीं नगर निगम के लिए शहरवासियों को बेहतर जलापूर्ति व्यवस्था उपलब्ध कराने की भी जिम्मेवारी होगी. इसके अलावा छपरा नगर निगम के बढ़ते दायित्व को लेकर नागरिकों को बेहतर सुविधा देने के लिए सभी 45 वार्डों को कम से कम दो अंचलों में बांट कर उनकी समस्याओं के समाधान की व्यवस्था होगी. इसके लिए संयुक्त सचिव स्तर या उससे ऊपर के पदाधिकारी मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित होंगे
तथा इसके अंचलों में कार्यपालक पदाधिकारी का अलग कार्यालय होगा. इसके अलावा लेखा अधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, नगर निगम का इंजीनियरिंग विभाग होगा जिसमें कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के पदों को भी अधिसूचित किया जायेगा.
मुहल्लों की सड़कें चौड़ी करने का प्रावधान : शहरी विकास विभाग ने गत वर्ष प्रावधान किया है कि नगर निगम क्षेत्र में आने वाले शहरों के मुहल्ले की सड़कें कम से कम 30 फुट चौड़ी तथा मुख्य सड़कें 100 फुट चौड़ी की जायेगी. छपरा के नगर निगम के रूप में अधिसूचित होने के बाद यहां के नागरिकों को भी अतिक्रमणमुक्त कर सड़कों को 100 फुट तथा मुहल्लों की सड़कों को 30 फुट चौड़ा करने की उम्मीद जगी है. विभागीय प्रावधान के अनुसार नगर निगम प्रशासन यदि अपने गठन के बाद निर्धारित मापदंड के अनुसार सड़कों की चौड़ाई बढ़ाता है तो निश्चित तौर पर कई मुख्य मार्गों एवं मुहल्ले में अतिक्रमण कर मकान या चहारदीवारी बनाने वालों के ढांचे तोड़ने होंगे. वैसे भी बिहार सरकार ने छपरा शहर के बीचोबीच पुल निर्माण निगम की देख-रेख में गांधी चौक, मौना चौक, सलेमपुर, नगर पालिका चौक, राजेंद्र सरोवर होते जिला स्कूल तक डबल ड्रेकर पुल बनाने का डीपीआर तैयार कर लिया है. ऐसी स्थिति में छपरा शहर के पूरब से पश्चिम की ओर गुजरने वाली इस मुख्य सड़क में अतिक्रमण कर मकान बनाने वालों की कौन कहें सरकार को जरूरत हुई तो निजी आस-पास के जमीनों का अधिग्रहण कर यह कार्य पूरा करने की तैयारी में है. हालांकि छपरा शहर के आम तौर पर सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की है. अतिक्रमणकारियों ने जहां मुख्य सड़कों को गली की सड़कों में तथा मुहल्लों की सड़कों में पगडंडी में तब्दील कर दिया है. ऐसी स्थिति में विभिन्न मार्गों पर पैदल या वाहन से चलने वाले राहगीरों को प्रतिदिन जाम या अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता है. जिसे लेकर कभी-कभी जाम के बीच अतिक्रमणकारियों व राहगीरों में तू-तू-मैं-मैं की नौबत आम हो गयी है. कहने के लिए समय-समय पर प्रशासन के पदाधिकारी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं. परंतु, धरातल पर इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है, जिससे इनका मनोबल बढ़ रहा है.
मुहल्ले की सड़कें कम से कम 30 फुट चौड़ी होंगी
क्या कहते हैं अधिकारी
अधिसूचित नगर निगम के मई के अंत तक गठन की संभावना है. वैसी स्थिति में निश्चित तौर पर शहरी विकास विभाग के मानकों के अनुकूल मुख्य सड़कों एवं गलियों के चौड़ीकरण के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य होगा. वहीं शहरी क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं होने के साथ-साथ निश्चित तौर पर विभागीय प्रावधानों के अनुसार विभिन्न प्रकार के करों में भी वृद्धि की संभावना है.
हरिहर प्रसाद, डीएम, सारण
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