हादसा. घायल बच्चों की चीख से मची रही अफरातफरी

दिघवारा : थाना क्षेत्र के बरबन्ना में स्कूल में दीवार गिरने की हुई घटना के बाद अभिभावकों व घायल बच्चों के क्रंदन हर जगह सुनने को मिली. गांव से लेकर पीएचसी तक हर जगह अभिभावक बेचैन दिखे. अपने घायल बच्चों से लिपटकर माता पिता की रोने की आवाज से माहौल गमगीन दिखा. कहीं घायल बच्चे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2017 4:19 AM

दिघवारा : थाना क्षेत्र के बरबन्ना में स्कूल में दीवार गिरने की हुई घटना के बाद अभिभावकों व घायल बच्चों के क्रंदन हर जगह सुनने को मिली. गांव से लेकर पीएचसी तक हर जगह अभिभावक बेचैन दिखे. अपने घायल बच्चों से लिपटकर माता पिता की रोने की आवाज से माहौल गमगीन दिखा.

कहीं घायल बच्चे अपनी दर्द से कराह रहे थे तो कहीं उन घायल बच्चों के रिश्तेदार रोते हुए अपनी किस्मत को कोस रहे थे. स्कूल के जिस रूम में दीवार गिरने की घटना हुई वहां घटना के बाद हर कुछ अस्त-व्यस्त दिखा.जगह जगह सामान बिखरे पड़े दिखे. कहीं घायल बच्चों के खून के निशान देखने को मिले तो कहीं पढ़ने आये बच्चों की कॉपी व किताब पसरे मिले. हर कोई अचानक अपने परिवार पर टूटे आफत को रोते हुए बयां कर रहा था.

एक घंटे तक पीएचसी में दिखा सैकड़ों ग्रामीणों का जमावड़ा : जैसे जैसे स्थानीय लोगों को बरबन्ना की घटना की सूचना मिली,तो लोग निरंतर पीएचसी परिसर में जुटते चले गये. स्थिति यह हुई कि सुबह के नौ बजे तक पीएचसी का चप्पा चप्पा लोगों की भीड़ से पट गया था.कोई घायल बच्चे की मदद कर रहा था तो कोई सभी अभिभावकों को सांत्वना दे रहा था. पीएचसी में जब सुबह अचानक एक साथ दस घायल बच्चे इलाज के लिए पहुंचे
तो संसाधनों की कमी आड़े आयी और घायल बच्चों का इलाज होने में काफी दिक्कतें हुई.ओपीडी के पास महज एक बेड की उपलब्धता होने के कारण किसी बच्चा का जमीन पर लिटा कर इलाज किया गया तो किसी को उसके रिश्तेदार के शरीर पर रखकर सूई दी गयी.कोई काउंटर पर लेटा दर्द से कराहता दिखा तो किसी को दवा वितरण केंद्र में रखे बेड पर रखकर इलाज किया
गया.प्राथमिक उपचार के बाद एक एंबुलेंस पर लादकर चार बच्चों को बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया. ग्रामीणों के अनुसार जिस स्कूल में दीवार गिरने की घटना हुई वह पहले ट्यूशन सेंटर के रूप में काम करता था,बाद में वह स्कूल की शक्ल में बदल गया.झोपड़ीनुमा इस स्कूल में कई वर्षों से नर्सरी से वर्ग पांच तक की पढ़ाई होती है
और गांव के लगभग सौ से अधिक बच्चे इस विद्यालय में नामांकित है.ग्रामीणों के अनुसार जहां स्कूल अवस्थित है वहां का रास्ता काफी संकीर्ण है.पहले तो इस रास्ते में मुश्किल से ईंट लदा ट्रैक्टर घुसा. बाद में गृहस्वामी ने ड्राइवर को उसी छोटे जगह पर ही ईंट लदे ट्रैक्टर को बैक करने की बात कही,जिसपर ड्राइवर ने ट्रैक्टर के न घुम पाने का हवाला दिया ,फिर भी दबाव के कारण ड्राइवर को टैक्टर मोड़ना पड़ा, जिसके कारण अनियंत्रित टैक्टर की ठोकर से स्कूल के दक्षिणी छोर का दीवार धराशायी हो गयी.
और देखते ही देखते आधा दर्जन से अधिक बच्चे घायल हो गये. गनीमत रही कि दीवार का एक छोटा सा हिस्सा ही गिरा जिसकारण घायलों की संख्या कम रही.
पीएचसी दिघवारा में एक घंटे तक जमी रही सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़
पीएचसी में संसाधनों की कमी का दिखा असर,जैसे तैसे हो सका घायल बच्चों का प्राथमिक उपचार

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