छपरा. शहर में डबल डेकर निर्माण का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. बीते कुछ सालों में जिन इलाकों में डबल डेकर का निर्माण हो रहा है. उन इलाकों से बड़ी संख्या में व्यवसायी पलायन कर रहे हैं. निर्माण कार्य में देरी तथा निर्माण कार्य के दौरान तोड़ी गयी सड़कों का मेंटेनेंस नहीं होने के कारण अक्सर इस रूट में आवागमन की समस्या रहती है. निर्माण कार्य के कारण वाहनों का परिचालन भी आसान नहीं रह गया है. ऐसे में डबल डेकर के निर्माण क्षेत्र में स्थित दुकानों में ग्राहकों की कमी हो गयी है. जिस कारण अब यहां के दुकानदार दूसरे जगह पर दुकान खोल रहे हैं. शहर के तेलपा से लेकर बस स्टैंड के बीच बन रहे डबल डेकर पुल के आसपास के दुकानों में बीते चार-पांच सालों में 50 से 60 फीसदी ग्राहकों की कमी आ गयी है. जिससे कारोबार ठप पड़ गया है.
बंद हो गये 50 से अधिक मार्ट, शो रूम व रेस्टोरेंट
डबल डेकर निर्माण क्षेत्र में बीते तीन-चार सालों में 50 से अधिक शोरूम मार्ट और रेस्टोरेंट बंद कर दिये गये. शहर के श्री नंदनपथ में निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व चार बड़े शोरूम खोले गये थे. लेकिन पाइलिंग का कार्य करने के बाद यहां महीनों तक निर्माण कार्य पेंडिंग रह गया. बरसात के दिनों में समस्या अधिक बढ़ गयी. जिसके बाद शोरूम व मार्ट में ग्राहकों की संख्या घट गयी. जिसके बाद जिन फ्रेंचाइजी ने शोरूम खोला था. उन्होंने शहर के दूसरे इलाके में नयी बिल्डिंग लेकर शोरूम खोल लिया है. श्रीनंदन पथ में ही कुछ रेस्टोरेंट भी बंद कर दिये गये. वहीं 30-40 दुकान भी बंद हो गयी.सभी 30 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ है कार्य
वर्ष 2017 में डबल डेकर निर्माण कार्य शुरू किया गया था. यह निर्माण शहर के तेलपा टैक्सी स्टैंड से लेकर सरकारी बस स्टैंड तक कराया जा रहा है. तेलपा से लेकर बस स्टैंड के बीच मौना चौक, मेवा लाल चौक, गांधी चौक, नगर पालिका चौक, श्री नंदन पथ के आसपास चार हजार से भी अधिक छोटी बड़ी दुकान है. वहीं मौना चौक से होकर ही सरकारी बाजार, पुरानी गुड़हट्टी, कपड़ा मंडी, किराना मंडी तक जाने का रास्ता है. अभी डबल डेकर पुल का 30 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो सका है. शहर के मध्य भाग में तो पाइलिंग भी नहीं करायी गयी है. चुनाव बाद यदि पाइलिंग का काम शुरू होता है. तो आने वाले दो-तीन सालों तक आवागमन की समस्या बनी रहेगी. अगले चार-पांच सालों में भी डबल डेकर के पहले डेक के निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद कम है.
व्यवसायियों ने कहा पायलट प्रोजेक्ट है तो काम धीरे क्यों
डबल डेकर निर्माण क्षेत्र के व्यवसायी दीपक कुमार, राजेश प्रसाद, मुकेश रजक, संतोष श्रीवास्तव, श्याम बिहारी आदि ने कहा कि वर्ष 2017 में जब यह निर्माण शुरू हुआ था. तब कहा गया था कि 2022 में डबल डेकर का काम पूरा हो जायेगा. हम लोगों ने सोचा था कि चार-पांच सालों में जब काम हो जायेगा तब आवागमन बेहतर हो जायेगा. यही सोचकर जैसे तैसे समय गुजारते रहे. लेकिन अभी काफी काम होना बाकी है. 2030 तक यह प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद कम है. व्यवसायियों का कहना है कि इसे पायलट प्रोजेक्ट बताया जाता है. जब यह पायलट प्रोजेक्ट है तो आखिर इसके निर्माण की रफ्तार धीमी क्यों है. मुआवजे को लेकर निर्माण में प्रशासनिक स्तर पर जो भी उलझन है. उसे दूर किया जाना जरूरी है. ताकि काम बाधित न हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है