छपरा. गंगा व सरयू नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन सतर्क व अलर्ट मोड में है. जिला के सोनपुर,गड़खा, दिघवारा, छपरा सदर एवं रिविलगंज प्रखंड के लगभग 32 पंचायत, नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण प्रभावित हुये हैं. गुरुवार को प्रभारी डीएम सह उपविकास आयुक्त ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंडों के वरीय प्रभारी, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक किया. सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंडों के वरीय प्रभारी,अंचलाधिकारी एवं बाढ़ नियंत्रण के अभियंता लगातार क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं.इन सभी पदाधिकारियों को निरंतर स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है.मनियार एवं अन्य स्थलों पर कटाव से क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मती की गई है. कुछ जगहों पर जारी कटाव निरोधी कार्यों पर निरंतर निगरानी रखते हुये पूर्ण कराने को कहा गया.सभी अंचलाधिकारी आवश्यक होने पर आश्रय स्थल एवं सामुदायिक रसोई की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. ईसके लिये सभी पूर्व तैयारी रखने को कहा गया. जहाँ भी यातायात की दृष्टिकोण से नाव आवश्यक हो, वहाँ स्थानीय स्तर पर नाव परिचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. अभी तक प्रभावित पंचायतों में 86 नावों का परिचालन किया जा रहा है. आवश्यकतानुसार अन्य स्थलों पर भी नावों की व्यवस्था की जा रही है. सिताब दियारा, अकिलपुर एवं कुछ अन्य स्थलों पर चिकित्सीय सुविधा हेतु नाव उपलब्ध कराया जा रहा है. सिविल सर्जन ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. पानी निकलते ही इसका छिड़काव प्राथमिकता से कराया जायेगा. रिविलगंज में जलजमाव के कारण ऊंचे स्थान या सड़क पर आने वाले लोगों के बीच पॉलिथीन शीट वितरित करने का निदेश अंचलाधिकारी को दिया गया. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि सिताब दियारा में आवश्यक दवाओं के साथ पशु चिकित्सकों की टीम कैम्प कर रही है.अन्य स्थलों पर भी आवश्यक पशु दवाओं के साथ चिकित्सीय दल को अलर्ट रखा गया है. पथ निर्माण से संबंधित सभी अभियंताओं को अपने क्षेत्राधिकार की सड़कों की क्षति का आकलन कर सूचिबद्ध करने को कहा गया. क्षतिग्रस्त पथों को तत्काल मोटरेबल बनाने तथा आगे इसे सुदृढ़ करने हेतु त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया. प्रभारी जिलाधिकारी एवं अपर समाहर्त्ता ने स्वयं रिविलगंज, डोरीगंज एवं छपरा सदर के कई प्रभावित पंचायतों एवं स्थलों का निरीक्षण किया तथा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. बताया गया है कि गंगा एवं सरयू नदी के जलस्तर में शुक्रवार से गिरावट की संभावना है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है तथा घबड़ाने की जरूरत नहीं है.
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