Saran News : शहर के आवासीय कॉलोनी प्रभुनाथ नगर में जलजमाव पर ग्रीन ट्रिब्यूनल की कार्रवाई की गाज जिले के अधिकारियों पर गिर सकती है. वेटरंस फोरम के दायर वाद में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्राधिकार ने जलजमाव को लेकर अब तक उचित कार्रवाई नहीं किए जाने और शपथ पत्र द्वारा सही जवाब नहीं दाखिल किए जाने को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि दो सप्ताह में की गई कार्रवाई का विवरण जिलाधिकारी प्रस्तुत करेंगे. रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में जिलाधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे और अगली तिथि को आभासी मोड में न्यायालय में स्वयं उपस्थित होंगे. प्राधिकार ने जिला परिषद के अधिवक्ता को गोल-मटोल और गलत जवाब देने को लेकर 24 घंटे के भीतर 500 रुपए दंड और की गई कार्यवाही का शपथ पत्र दायर करने का आदेश भी दिया है.
उपरोक्त वाद में वेटरंस फोरम के सचिव डॉ बीएनपी सिंह स्वयं उपस्थित होकर प्रभुनाथ नगर आवासीय कॉलोनी की नारकीय स्थिति से ट्रिब्यूनल को अवगत कराया. उन्होंने कोर्ट से कहा कि यह जिले में एकमात्र व्यवस्थित कॉलोनी है, जिसे बिहार राज्य आवास बोर्ड के सहयोग से विकसित किया गया है. यहां शहर की नालियों से मल, जल और बरसात का पानी आकर जमा हो जाता है. कॉलोनी के आसपास के सभी प्राकृतिक जलप्रवाह के मार्गों को अतिक्रमित कर अवरुद्ध कर दिया गया है. नागरिकों के बार-बार आवेदन एवं गुहार के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है.
Saran News : बन रहा नाला स्थाई निदान नहीं दे सकता
22 फरवरी को हुई सुनवाई में जिला परिषद की तरफ से कहा गया था कि हनुमान मंदिर से लेकर टारी गांव तक नाला बनाया जा रहा है. ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेशित किया था कि अन्य प्रतिवादी यथा जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि रिपोर्ट दाखिल करेंगे कि क्या उपरोक्त नाले के निर्माण से जलजमाव की समस्या का निदान हो जाएगा? इस बीच तीन तारीखों पर भी उपरोक्त सभी प्रतिवादियों ने उचित जवाब दाखिल नहीं किया. गुरुवार को भी जब जवाब दाखिल नहीं किया गया तो ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश ने सख्ती दिखाते हुए दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है. मुहल्ले के निवासी प्रोफेसर पृथ्वीराज सिंह एवं जेपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव प्रो विजय प्रताप कुमार ने कहा कि प्रशासन का रवैया बहुत ही असंवेदनशील है .नागरिकों की सुख सुविधाओं की ओर उनका कोई ध्यान नहीं है.