पूर्व में भी हो चुकी है अधिवक्ता की हत्या
विधिमंडल के पूर्व अपर लोक अभियोजक राम अयोध्या प्रसाद यादव व उनके अधिवक्ता पुत्र सुनील कुमार यादव की अपराधियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दिये जाने की घटना कोई पहली घटना नही है .
न्यायालय आने के क्रम में घात लगाये अपराधियों ने अधिवक्ता की गोली मारकर कर दी थी हत्या छपरा (कोर्ट). विधिमंडल के पूर्व अपर लोक अभियोजक राम अयोध्या प्रसाद यादव व उनके अधिवक्ता पुत्र सुनील कुमार यादव की अपराधियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दिये जाने की घटना कोई पहली घटना नही है . इसके पूर्व वर्ष 2017 के 14 जुलाई को विधिमंडल के वरीय अधिवक्ता व थल सेना से अवकाश प्राप्त रमेन्द्र कुमार शर्मा की भी हत्या हो चुकी है. उनकी हत्या भी अपराधियों ने इसी घटना की तरह अंजाम दिया था. श्री शर्मा गड़खा बाजार के बसंत रोड स्थित अपने घर से न्यायालय के लिए मोटरसाइकिल से निकले थे कि पूर्व से घात लगाये अपराधियों ने भैंसमारा पेट्रोल पंप के निकट उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. अधिवक्ता को भी सदर अस्पताल लाया गया था परंतु चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में मृत अधिवक्ता के समधी सत्यदेव ओझा ने गरखा थाना कांड संख्या 287/17 में नामजद व अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया था. फिलवक्त यह मामला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ संजीव कुमार राय के न्यायालय में विचाराधीन है. मामले में सरकार का पक्ष रखने वाले अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह ने बताया कि उक्त मामला तीन सत्रवाद में चल रहा है . सत्रवाद 572 /20 में जहां आरोप का गठन करते हुये मामला साक्ष्य में चल रहा है तो वहीं सत्रवाद 259/20 और 267/20 में आरोप का गठन होना बाकी है.
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