अंकिता ने सीए फाइनल में सफल होकर जिले का नाम किया रोशन

कहते हैं अपनी तैयारी इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे. इस उक्ति को मांझी के झखरा ताजपुर की अंकिता ने सच कर दिखाया है. उन्होंने सीए के फाइनल में सफलता का परचम बुलंद किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 9:51 PM
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मांझी. कहते हैं अपनी तैयारी इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे. इस उक्ति को मांझी के झखरा ताजपुर की अंकिता ने सच कर दिखाया है. उन्होंने सीए के फाइनल में सफलता का परचम बुलंद किया है. अंकिता कुमारी समाजसेवी व जनसुराज नेता बृजेंद्र कुमार सिंह उर्फ मुन्ना भवानी की पुत्री हैं. उन्होंने सीपीटी 2016 और सीए इंटर 2019 में किया था. इस साल उन्होंने फाइनल कर अपने माता ममता देवी और पिता मुन्ना समेत जिले का नाम रौशन किया है. उन्होंने मैट्रिक एकमा के ज्योति सेंट्रल हाई स्कूल और 12 वीं एसएस एकेडमी दिघवारा से किया. उन्होंने बीकॉम करने के लिए 2016 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. दूसरी तरफ उसी साल सीए सीपीटी क्लियर कर लिया. 2019 में ग्रेजुएशन के साथ सीए इंटर में सफलता हासिल की. फ़ाइनल की तैयारी के बीच उन्होंने पटना की एक संस्थान में 2020 से 2023 तक आर्टिकलशिप भी किया. लगातार मंजिल पाने की उनकी कोशिश अन्य छात्रों की लिए मिसाल है. अंकिता अपनी इस कामयाबी का क्रेडिट अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. उनका मानना है कि उनके माता-पिता ने हर समय उन्हें मोटिवेट किया. जिसके चलते आज वह इस मुकाम पर पहुंची हैं. अंकिता ने दूसरे छात्रों को संदेश दिया कि कभी किसी भी कीमत पर एक स्टूडेंट को हार नहीं माननी चाहिए. सीए एग्जाम कठिन है. इसमे सफल होना आम बात नहीं है. 90 फीसदी छात्र पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाते और इसे छोड़ देते हैं. मैंने अपनी पढ़ाई एकदम सुचारू रखी और अपने ऊपर कॉन्फिडेंस रखा कि मैं कर सकती हूं. माता पिता ने मेरा पूरा साथ दिया और मैं अपना लक्ष्य हासिल कर पायी. उन्होंने बताया कि मेरी शुरुआत 2016 में हुई. मैंने ऑनलाइन क्लासेस के साथ आठ से दस घंटे अपनी पढ़ाई को दिये. परीक्षा के समय यह पढ़ाई 12 से 14 घंटे तक पहुंच गयी. जिसे अपना पूरा सिलेबस कवर किया जा सके. 14 घंटे पढ़ना आसान बात नहीं होती. लेकिन मेरे माता पिता ने मेरा स्पोर्ट किया. आज मुझे गर्व है कि मैंने उनका सपना भी पूरा किया. अंकिता ने कहा कि सीए के कोर्स में सुबह ऑफिस भी रहता है. इसके कारण ऑनलाइन क्लासेज लेना सरल रहता है. मेरा मानना है ऑनलाइन कोचिंग में भी अपना टाइम टेबल बनाकर अच्छे से कोर्स को कवर किया जा सकता है. साथ ही मैंने ऑनलाइन क्लास के साथ सेल्फ स्टडी पर भी फोकस कर अपने कोर्स को कंप्लीट किया.

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