छपरा व्यवहार न्यायालय में 10 मई से की गयी प्रपत्रों की मूल्यवृद्धि पर राज्य विधिक परिषद ने रोक लगाते हुए पुराने मूल्य पर ही प्रपत्रों की बिक्री करने का आदेश दिया है. राज्य विधिक परिषद के इस निर्णय से सैकड़ों अधिवक्ताओं जिन्होंने मूल्यवृद्धि का विरोध किया था उनमें हर्ष व्याप्त है. ज्ञात हो कि विधिमंडल के महामंत्री द्वारा आमसभा में प्रपत्रों की मूल्यवृद्धि का लिये गये निर्णय के विरोध में छपरा विधिमंडल की कार्यसमिति के 16 सदस्यों और 261 अधिवक्ताओं द्वारा बिहार राज्य विधिज्ञ परिषद पटना को आवेदन दिया गया था, जिस पर निवर्तमान 15 से ज्यादा कार्यकारिणी सदस्यों के साथ 261 अधिवक्ताओं ने भी हस्ताक्षर किया था. आवेदन के आलोक में विधि परिषद ने 13 मई को प्रपत्र की बिक्री पर रोक लगा दी है. कार्यसमिति सदस्य मंटू कुमार सिंह, अनीश कुमार सिंह, रंजित कुमार पांडे, ओमशरण, चंद्रशेखर कुमार राय, पप्पू कुमार ठाकुर, बजरंगी प्रताप सिंह के साथ-साथ उपाध्यक्ष निर्मल कुमार श्रीवास्तव, देवेंद्र प्रसाद, शिव प्रकाश सुमन, अजय कुमार सिंह, सुनील कुमार कुमार, शशिरंजन, भिखारी राय, राजकिशोर सिंह, उमेश कुमार मिश्रा, सुरेंद्र महतो, कुमार गौरव, अर्जुन ओझा, सुमंत कुमार द्विवेदी सहित 250 से ज्यादा अधिवक्ताओं ने आवेदन देकर मूल्यवृद्धि को रोकने की मांग की थी.
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