छपरा नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा संग्रह और मुख्य पथ की सफाई के लिए नये एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गयी है. 20 अप्रैल को निविदा देने की अंतिम तिथि थी अब 22 को इसे लेकर फैसला हो जायेगा कि कौन एजेंसी काम करेगी. इस बीच नगर आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय ने निगम कार्यालय में प्री बीड मीटिंग करते हुए कई सख्त आदेश जारी कर दिए हैं.
इसके साथ ही दो टूक आदेश दे दिया है कि निविदा में दिये गये सभी नियमों और आदेशों का पालन करना होगा. इनमें सबसे प्रमुख आदेश दिया है कि नगर निगम क्षेत्र में स्थित 50 हजार से अधिक घरों यानी हाउस होल्डर को बार कोड उपलब्ध कराना होगा. साथ ही नगर की सफाई सुव्यवस्थित ढंग से हो सके, इसके लिए छपरा शहर के मध्य में एक डिजिटल कंट्रोल रूम स्थापित करना होगा.
प्रथम समूह के तहत छपरा नगर निगम के वार्ड 1 से 22 तक तथा दूसरे समूह में 23 से 45 तक के वार्ड को रखा गया है. के सभी वार्डों में डोर टू डोर सूखा एवं गीला कचरा का सेपरेशन करते हुए संग्रहण एवं प्रसंस्करण स्थल पर डंप करना होगा. साथ ही इन वार्डों के मुख्य सड़कों की सुबह और शाम में सफाई मसलन झाड़ू लगाना, कूड़ा उठाना एवं पृथक्करण व प्रसंस्करण कार्य करके डंप करना शामिल है. यह कार्य सुबह और शाम दोनों समय करना है. छपरा नगर निगम के दूसरे पार्ट में नगर क्षेत्र के पूर्वी क्षेत्र को शामिल किया गया है.
इसमें वार्ड 23 से 45 तक के सभी वार्डों में डोर टू डोर सूखा एवं गीला कचरा का सेपरेशन करते हुए संग्रहण एवं प्रसंस्करण स्थल पर डंप करना होगा. साथ ही इन वार्डों के मुख्य सड़कों की सुबह और शाम में सफाई मसलन झाड़ू लगाना, कूड़ा उठाना एवं पृथक्करण व प्रसंस्करण कार्य करके डंप करना शामिल है. यह कार्य सुबह और शाम दोनों समय करना है.
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एजेंसियों के प्रतिनिधियों से दो टूक कहा कि डोर टू डोर एवं मुख्य पद की सफाई के लिए जो भी नियम आदेश दिये गये है, उनका पालन करना जरूरी है. सीबीजीडब्लू इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने कहा कि निविदा के कंडिका 17 में डिजिटल कंट्रोल रूम स्थापित करने की बात कही गयी है.
एजेंसी को यह कार्य करने में लगभग 20 लाख रुपये खर्च करने होंगे. जबकि कार्य एक वर्ष के लिए ही आवंटित किया जाना है. उन्होंने से आग्रह किया कि कम से कम तीन सालों के लिए कार्य का आवंटन किया जाये, ताकि कोई भी एजेंसी काम करने के लिए इच्छुक हो सके. नगर प्रबंधक द्वारा बताया गया कि कंडिका 17 में यह उल्लेखित है कि कार्य अवधि 1 साल की ही होगी. कार्य संतोषजनक पाये जाने पर एवं बोर्ड अथवा सशक्त स्थायी समिति के समाधि पर एजेंसी का कार्य विस्तार किया जायेगा.