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साइबर ठगी से बचने के लिए बनें जागरूक, रहें जागरूक

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के प्राचार्य नंदकिशोर चौधरी ने कहा कि आज बच्चे हर दिन कोई न कोई एप डाउनलोड कर रहे हैं.

छपरा.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के प्राचार्य नंदकिशोर चौधरी ने कहा कि आज बच्चे हर दिन कोई न कोई एप डाउनलोड कर रहे हैं. एप डाउनलोड करते समय उनसे व्यक्तिगत जानकारियां मांगी जाती हैं. कई बच्चे नादानी में अपना नाम, मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, इमेल व अन्य जानकारियां उसमें अपलोड कर देते हैं. कई बार एप सही भी होता है. वहीं कई गलत एप भी चल रहे हैं. बाद में एप चलाने वाले साइबर ठग व्यक्तिगत जानकारी के माध्यम से ही बच्चों या उनके अभिभावकों को ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं. इससे बचना बेहद जरूरी है. कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले अपने अभिभावकों से जरूर पूछ लें. अपना पर्सनल डिटेल उसमें नहीं डालें. अगर कोई बच्चा स्वयं को साइबर ठगी का शिकार होते महसूस करता हो तो तुरंत अपने अभिभावक या स्कूल के शिक्षकों या अपने दोस्तों से इसकी जानकारी साझा करनी चाहिए.

मोबाइल का दुरुपयोग करने से बचना होगा :

विद्यालय के निदेशक दिलीप कुमार ने बच्चों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में साइबर ठगी अपराध का एक बहुत बड़ा जरिया बन गया है. आज साइबर ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं. यह अपराधी दिखायी तो नहीं देते लेकिन इनकी पहुंच कब हमारे बैंक खातों तक हो जाती है पता भी नहीं चलता. यह हमारी पूरी पर्सनल जानकारियां अपने पास रखते हैं और बाद में उसी को आधार बनाकर अलग-अलग तरीकों से हमें ठगने का प्रयास करते हैं. इसका एक बड़ा कारण यह है कि हम ज्यादातर समय मोबाइल पर बिता रहे हैं. मोबाइल के माध्यम से इन चीजों को बढ़ावा मिल रहा है. अभिभावकों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे कम से कम मोबाइल इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि मोबाइल जरूरी तो है. पढ़ाई के लिए भी यह एक बढ़िया माध्यम बना है. मोबाइल हमें समय-समय पर अपडेट भी करता है. लेकिन इसका ज्यादा प्रयोग हानिकारक साबित हो रहा है.

बच्चों ने कहा, अब हम रहेंगे जागरूक :

कार्यक्रम में विद्यालय के निदेशक, प्राचार्य, शिक्षकों तथा अन्य अतिथियों ने भी बारी-बारी से अपने सुझाव रखें. कुछ अभिभावकों ने भी साइबर अपराध से बचने को लेकर अहम जानकारियां साझा की. अभिभावकों ने कहा कि समय-समय पर शिक्षण संस्थानों में ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए. जिससे हमारे बच्चे अपडेट हो सकें. शिक्षक अमन आनंद बताया कि छपरा में साइबर थाना खुल चुका है. जहां कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है. बच्चों को बताया गया कि 1930 टोल फ्री नंबर पर भी वह जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सकते हैं. कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों ने एकजुट होकर प्रभात खबर द्वारा चलाये जा रहे अभियान को सफल बनाने तथा लोगों को जागरूक करने का एक स्वर में संकल्प दोहराया.

इस बात का हमेशा रखें ख्याल

अनजान लिंक पर नहीं करें क्लिककिसी भी एप में सतर्क होकर डालें अपना डिटेलसोशल मीडिया पर प्राइवेट रखें अपनी फोटोपर्सनल चैटिंग को नहीं करें सार्वजनिकऑनलाइन गेम खेलते समय बरतें सावधानीसमस्या होने पर अभिभावकों को दें जानकारीहमेशा बदलते रहें अपना पासवर्डठगी का शिकार होने पर 1930 पर करें संपर्क

क्या कहते हैं बच्चे व शिक्षक

आज के कार्यक्रम के माध्यम से हम लोगों को कई जरूरी जानकारी मिली. आज के समय में साइबर अपराध से बचाव के प्रति जागरूक रहना जरूरी है.

रौनक आंनद

डिजिटल अरेस्ट शब्द हम लोग इधर लगातार सुन रहे हैं. यह साइबर अपराधी हमारी पर्सनल जानकारियां इकट्ठा कर अलग-अलग माध्यम से हमें अपना शिकार बना रहे हैंशिवम

कई बार हम अपने दोस्तों के साथ पर्सनल चैटिंग करते हैं. बाद में जाने अनजाने में इसे सार्वजनिक भी कर देते हैं. इन सब से बचना चाहिए. तभी हम सुरक्षित रह सकेंगे.

रोहित

अनजान लिंक को कभी क्लिक नहीं करना चाहिए. अगर मोबाइल पर बार-बार कोई लिंक आ रहा है या कोई फोन कर धमका रहा है. तो तुरंत साइबर थाने में सूचना देनी चाहिए.

रौनक थापासाइबर अपराधी हर तरफ एक्टिव हो रहे हैं. आये दिन हम समाचार पत्र या सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी पा रहे हैं. इन अपराधियों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है.

उज्ज्वल कुमार

अभी हम लोग अगर किसी को भी फोन लगा रहे हैं तो कॉलर ट्यून में साइबर अपराध से बचने का अलर्ट दिया जा रहा है. यह काफी जरूरी है. अब हम अपने अभिभावकों को भी जागरूक करेंगे.

पीहू

कोई भी एप अगर हम डाउनलोड करते हैं. तो उसमें कई बार हमारा नाम, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी मांगी जाती है. यह नहीं देनी चाहिए. सोच समझकर एप डाउनलोड करें.

रियाअनजान लिंक क्लिक करते ही खाते से रुपये गायब हो जाते हैं. हमारे आसपास ऐसे कई मामले सुनने में आ रहे हैं. कई बार हम जानबूझकर भी गलती कर बैठते हैं. इससे बचना होगा.

रागिनी कुमारी

मोबाइल पर वीडियो या रील देखते समय भी कई बार लाइक और शेयर करने के लिए कहा जाता है और कई बार तो हमसे जानकारी भी मांगी जाती है. इन सबसे बचाव जरूरी है.

सोनाक्षी

साइबर ठग काफी सक्रिय हो चुके हैं. हम अपने घर में अक्सर इन सब बातों पर चर्चा होते सुना करते हैं. कई बातें अब समझ में भी आ रही हैं. हम सबको मिलजुल कर इसके खिलाफ लड़ना होगा.

मानषी

आजकल बच्चे ज्यादातर इंटरनेट व मोबाइल के संपर्क में रहते हैं. कई बच्चे इसका दुरुपयोग करने लगते हैं. जिससे जीवन पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है. कोई भी एप डाउनलोड करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. सोशल मीडिया से दूरी बनाकर ही रखें.

नंद किशोर चौधरी, प्राचार्यसाइबर अपराधी छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपने चंगुल में आसानी से फंसा ले रहे हैं. कई बार तो हमारे आस पड़ोस के लोग ही हमारी पर्सनल जानकारी को इकट्ठा कर हमसे ठगी का प्रयास करते हैं. हमें हर समय सावधान रहना होगा. बच्चे व उनके अभिभावक जागरूक रहें.

दिलीप कुमार, निदेशक

हमारे शहर में अब साइबर थाना खुल चुका है. साथ ही 1930 टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध है. यदि कभी भी कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो तो तुरंत संपर्क करना चाहिए. जानकारी के अभाव में ही हम इन अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं. सतर्क रहेंगे तभी हम सुरक्षित रहेंगे.

अमन आंनद, शिक्षकआजकल तो साइबर ठग घरेलू महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहे हैं. घर बैठे कमाई जैसे स्कीम चला कर साइबर ठग भोली भाली महिलाओं को ठग लेते हैं. स्कूली छात्राओं को भी इनके द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर तस्वीरों का भी दुरुपयोग हो रहा है.

विभा देवी, शिक्षक

स्कूल कॉलेज में समय-समय पर जागरूकता के कार्यक्रम चलाये जाने चाहिए. हर समय साइबर ठगी का शिकार होने का खतरा बना हुआ है. सरकार द्वारा जो भी जरूरी जानकारी दी जा रही है. उसे ध्यान से समझना होगा. किसी भी अनजान लिंक पर भूल से भी क्लिक न करें.

नंदिनी राज, शिक्षकआज तो अवेयरनेस के कई प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं. कभी फोन पर तो कभी अखबारों के माध्यम से हमें जागरूक रहने के टिप्स दिये जाते हैं. फिर भी हम जाने अनजाने में साइबर ठगी का शिकार बन जा रहे हैं. मोबाइल व इंटरनेट का इस्तेमाल ध्यान पूर्वक करें.

आरती कुमारी, शिक्षिका

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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