Bihar Board 2024 Result: पिता ने डबल शिफ्ट में टैक्सी चलाकर की बच्चों की परवरिश, बेटी बनी 10वीं की स्टेट टॉपर
पलक के पिता महीने के 15 से 18 हजार रुपये कमा लेते हैं. कमाई का अधिकतर हिस्सा बच्चों की पढ़ाई में ही खर्च करते हैं. पलक के बड़े भाई विकास कुमार सिंह भी 12वीं के छात्र हैं. उन्हें भी 10वीं की परीक्षा में 86 फीसदी अंक मिले थे.
प्रभात किरण हिमांशु, छपरा
Bihar Board 2024 Result बिहार बोर्ड के 10वीं की परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया. सारण जिले के एकमा प्रखंड के धानाडीह ( रसूलपुर पंचायत ) की पलक कुमारी ने 486 अंक लाकर पूरे राज्य में संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया है. पलक गांव के ही प्लस टू स्कूल हुस्सेपुर से पढ़ी हैं. उनके पिता राजेश कुमार सिंह कोलकाता में टैक्सी चलाते हैं. जिस समय बिहार बोर्ड का परीक्षा परिणाम जारी हो रहा था. उस समय भी पलक के पिता कोलकाता के किसी सड़क पर टैक्सी चला रहे थे. राज्य में तीसरा स्थान मिलने की सूचना पलक की मां सरोज देवी ने सबसे पहले उन्हें दी. उसके बाद करीब 15 मिनट तक वह अपनी बेटी से बात करते रहे. फोन पर दोनों की आंखों में आंसू थे.
पलक के पिता ने कहा दो-दो शिफ्ट में चलाता हूं टैक्सी
प्रभात खबर से फोन पर हुई बातचीत में पलक के पिता ने बताया कि उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया है. अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. दोपहर में एक प्राइवेट कंपनी के लिए तो टैक्सी चलाते ही हैं. वहीं कई बार अधिक रुपया कमाने के लिए सुबह व शाम के शिफ्ट में भी टैक्सी चला लेते हैं. जिससे आमदनी कुछ अधिक हो जाती है. गांव में कमाई नहीं थी. इसलिए वह कोलकाता चले गये थे. खुद आठवीं तक पढ़े थे. इसलिए कोई बढ़िया रोजगार नहीं मिल सका. ऐसे में टैक्सी चलाने लगे.
कमाई का अधिकतर हिस्सा पढ़ाई में करते हैं खर्च
पलक के पिता महीने के 15 से 18 हजार रुपये कमा लेते हैं. कमाई का अधिकतर हिस्सा बच्चों की पढ़ाई में ही खर्च करते हैं. पलक के बड़े भाई विकास कुमार सिंह भी 12वीं के छात्र हैं. उन्हें भी 10वीं की परीक्षा में 86 फीसदी अंक मिले थे. घर में आज तक टेलीविजन नहीं लगाया गया है. वहीं सिर्फ एक ही फोन पलक की मां के पास मौजूद है. जिससे पिता से बातचीत होती है.
पलक ने कहा गांव की बेटियां नहीं हैं किसी से कम
रविवार की दोपहर जब मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी हुआ. तब पलक को उम्मीद थी कि वह बेहतर अंकों से उत्तीर्ण होगी. क्योंकि परिणाम जारी करने से पहले ही बिहार बोर्ड द्वारा उसका इंटरव्यू लिया गया था. जब परिणाम आया तब पलक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसने बताया कि वह आइएएस बनना चाहती है. बचपन से ही यह उसका लक्ष्य है. उसने कहा कि गांव की बेटियां किसी से कम नहीं होतीं. गांव में पढ़ाई का बेहतर माहौल मिल रहा है. उसने कहा कि गांव की बेटियों को भी उचित अवसर मिले और अभिभावक भी कम उम्र में अपनी बेटियों की शादी करना बंद करें.
रश्मिका मंदाना पलक की फेवरेट कलाकार
पलक को फिल्म देखना काफी पसंद है. जब भी कभी समय मिलता है. तो वह अपनी मां के मोबाइल में हाल की कुछ फिल्में देख लेती है. मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद भी उसने रश्मिका मंदाना की कई फिल्में देखी. वह उसकी फेवरेट अभिनेत्री हैं. साउथ के कलाकार अर्जुन देव भी उसे काफी पसंद है. वह समय निकालकर लोककवि भिखारी ठाकुर के जीवनी को भी पढ़ती है. उनकी रचनाएं पलक को काफी प्रभावित करती है.
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