Loading election data...

Bihar Flood: सारण में गंडक नदी के पास बांध ध्वस्त हुआ, आधी रात को ऐसे टाल दी गयी बड़ी मुसीबत…

Bihar FLood: सारण में गंडक नदी के पास बांध ध्वस्त हो गया. आधी रात को ही युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया गया और एक बड़ी आफत को टाल दिया गया.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 5, 2024 8:09 AM
an image

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का संकट अब भी बरकरार है. इधर, सूबे की 20 से अधिक नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं. नेपाल ने फिर से गंडक और कोसी में पानी छोड़ा है. जिससे कई जिलों में पानी का दबाव बढ़ा है. पिछले दिनों गंडक और कोसी बराज से रिकॉर्ड स्तर पर पानी छोड़ा गया जिससे तटबंधों पर दबाव बना हुआ है. कई जगहों पर तटबंध पिछले दिनों टूटे जिससे बाढ़ का पानी कई गांवों में पसरा है. इधर, सारण में गंडक नदी के पास बांध टूट गया जिसकी मरम्मत करा दी गयी. बड़ी अनहोनी टली है.

गंडक नदी से सटा मुख्य बांध ध्वस्त हुआ

सारण जिले के मकेर प्रखंड के बाघाकोल पंचायत के हैजलपुर गांव के साव टोली के समीप गुरुवार की रात गंडक नदी से सटा मुख्य बांध ध्वस्त हो गया. बांध ध्वस्त होते ही गांव लोग जुट गये. सूचना पर मुखिया अनिल सिंह ने स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मुखिया द्वारा जल संसाधन विभाग के एसडीओ सुजीत कुमार को सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही एसडीओ स्थल पर पहुंचे और जानकारी ली. एसडीओ और मुखिया के द्वारा दर्जनों मजदूर को लगाया गया और ग्रामीणों के सहयोग से जेसीबी मशीन से ईंट, पत्थर, बालू बैग तथा मिट्टी डाल कर बांध का देर रात्रि तक पूर्ण रूप से मरम्मत कराया गया.

ALSO READ: Bihar Weather: क्या नवरात्रि में खलल डालेगा चक्रवाती तूफान? बिहार के इन 12 जिलों में अलर्ट जारी

टल गयी बड़ी आफत

गांव के मुखिया ने बताया कि गंडक नदी मे आये बाढ़ के पानी से बांध में रिसाव हुआ था. उस समय पदाधिकारी द्वारा बांध के दोनों साइड से बांध का मरम्मत कराया गया था. संयोग तो अच्छा है कि पानी घटने के बाद गुरुवार की रात्रि में बांध धस गया. नही तो बड़ी अनहोनी हो जाती. बताया जाता है कि बांध में बाढ़ के समय रिसाव हुआ था. उस के कारण बांध अंदर से काफी खोखला हो गया था और बाढ का पानी के कम होने के बाद कमजोर होकर गुरुवार को बांध ध्वस्त हो गया था. जिसकी मरम्मत करा दिया गयी है.

नेपाल ने फिर छोड़ा गंडक में पानी

बता दें कि नेपाल में फिर एकबार गंडक और कोसी में पानी छोड़ा है. लगातार दो दिनों से पानी अधिक छोड़ा गया है. इधर गोपालगंज में गंडक नदी पांचवें दिन खतरे के निशान से नीचे आ गयी है. दियारे में अधिकतर गांवों में तबाही का मंजर है. गांवों में जाने वाली अधिकतर सड़कों पर पानी भरने के कारण नाव के अलावा बाकी संपर्क भंग हो चुके थे. पानी के घटने के बाद भी तबाही दिख रही है. 50 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ की त्रासदी को झेल रहा है. नेपाल से पानी घट-बढ़ रहा है. शुक्रवार को वाल्मीकिनगर बराज से सुबह 1.06 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज था, तो शाम को 92 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया. गंडक नदी के जल स्तर के घटते-बढ़ते जल स्तर से कटाव का खतरा बरकरार है. नदी के मूड को समझते हुए जलसंसाधन विभाग के अभियंता भी मुस्तैद हैं.

Exit mobile version