Bihar Teacher Transfer: शिक्षा विभाग की ओर से जारी नई ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी से सक्षमता पास पुरुष शिक्षकों में गहरा आक्रोश है. पुरुष शिक्षक इस पॉलिसी को लॉलीपॉप नीति करार दे रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि अनुमंडल के बाहर ट्रांसफर होने से पुरुष शिक्षकों को काफी परेशानी होगी और उनका अधिकांश समय स्कूल आने जाने में ही गुजर जाएगा जिसका प्रतिकूल असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा. शिक्षक सुकून के साथ मनोयोग से नहीं पढ़ा पाएंगे.
स्थानांतरण नीति का किया विरोध
बिहार परिवर्तन प्रारंभिक शिक्षक संघ दिघवारा के प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने भी शिक्षा विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का विरोध किया है. सिंह ने कहा है कि नई स्थानांतरण नीति में काफी विसंगतियां है. स्थानांतरण नियमावली में तार्किक स्वरूप का आधार नहीं है, इसे व्यावहारिक स्तर पर बनाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सभी सक्षमता पास पुरुष शिक्षकों को एच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए. ऐसा अगर संभव नहीं हो तो पुरुष शिक्षकों को अपने गृह प्रखंड को छोड़कर दूसरे प्रखंड में पदस्थापित किया जाए लेकिन अनुमंडल के बाहर ट्रांसफर किया जाना विभाग का हिटलरशाही कदम है.
शिक्षक नहीं करेंगे योगदान
नीति में सुधार नहीं हुआ तो बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक योगदान नहीं करेंगे. सिंह ने कहा कि आज भी वर्ष 1994 व 1999 में बहाल बीपीएससी शिक्षक अपने गृह प्रखंड में पदस्थापित हैं. 34540 श्रेणी के शिक्षक शिक्षिका भी अपने विद्यालय में पदस्थापित हैं. मुन्ना राम, गोपाल जी सिंह, चंदन कुमार सिंह, रंजीता सिंह, कुंदन कुमार, अनिल कुमार राय, राजू भक्त, जुगेश्वर शर्मा, बृजनंदन राय व वीर अभिमन्यु सरीखे दर्जनों शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी ट्रांसफर पॉलिसी को सक्षमता पास शिक्षकों के लिए अहितकारी पॉलिसी बताया.
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