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15 अक्तूबर तक खनन पर है रोक, फिर भी जारी है बालू माफियाओं का काला कारोबार

सरकार द्वारा नदी क्षेत्र में पर्यावरणीय संतुलन के मद्देनजर 15 जून की आधी रात से लाल एवं उजले

छपरा (सदर). सरकार द्वारा नदी क्षेत्र में पर्यावरणीय संतुलन के मद्देनजर 15 जून की आधी रात से लाल एवं उजले बालू के खनन पर रोक लगा दी गयी है. यह रोक 15 अक्तूबर तक जारी रखने का निर्देश के बावजूद बालू माफियाओं द्वारा कुछ स्थानीय पदाधिकारियों से कथित सांठ-गांठ व उदासीनता के कारण बालू का खनन व परिवहन जारी है. हालांकि विभाग द्वारा पूर्व से भंडारित लाल या उजले बालू को ही बेचने का निर्देश लाइसेंसधारियों को दिया गया है. ऐसी स्थिति में डीएम अमन समीर के निर्देश पर सोनपुर एसडीओ कुमार निशांत विवेक के अलावा सदर एसडीओ संजय कुमार राय व मढ़ौरा एसडीओ द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में लाइसेंसधारियों द्वारा पूर्व से जमा किये गये बालू के स्टॉक का सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि ट्रकों की जांच के दौरान यह पता चल सके कि उपरोक्त बालू किस लाइसेंसी से लिया गया है. एक सप्ताह में 37 वाहन किये गये जब्त : जिला प्रशासन व परिवहन विभाग द्वारा चलाये जा रहे अभियान के दौरान विगत एक सप्ताह में छापेमारी कर 37 वाहनों को जब्त किया गया है, जिसमें ट्रक, ट्रैक्टर के साथ ट्रेलर 13400 घनफुट उजला बालू तथा 14050 फुट लाल बालू जब्त किया गया. इस दौरान 25 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ 18 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं. जबकि, वाहन मालिकों से जुर्माना के तौर पर 82 लाख 81 हजार 40 रुपये जुर्माना वसूले गये.बालू माफियाओं व पुलिस प्रशासन के बीच सांठगांठ के लगते रहे हैं आरोप सरकार द्वारा बालू के अवैध खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने को लेकर समय-समय पर आदेश निर्गत किये जाते हैं. परंतु स्थानीय स्तर पर स्थानीय प्रशासन व कनीय व कर्मियों की मिलीभगत तथा कुछ विभागीय व अन्य वरीय पदाधिकारियों की मौन सहमति के कारण लगातार यह अवैध धंधा जारी है. हालांकि समय-समय पर प्रशासन द्वारा छापेमारी भी की जाती है. यही नहीं, इस दौरान नाम उजागर होने के बाद चालू वर्ष में कम से कम आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ जेल भेजने तक की कार्रवाई हुई है. परंतु बेहतर कमाई वाले इस गोरखधंधे में शामिल होने में प्रशासन व पुलिसकर्मी बेहिचक शामिल हो जाते हैं. अवैध खनन करने वालों पर है नजर सरकार द्वारा 15 जून से 15 अक्तूबर तक पर्यावरण के दृष्टिकोण से बालू के खनन पर रोक लगायी गयी है. ऐसी स्थिति में लाइसेंस भी अपने निर्धारित घाटों पर पूर्व से खनन कर भंडारित बालू ही लाइसेंस के माध्यम से बेच सकते हैं. अवैध खनन करने वालों पर प्रशासन की टेढ़ी नजर है. ऐसे धंधेबाजों के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. लालबिहारी प्रसाद, जिला खनिज विकास पदाधिकारी, सारण

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