उन्हचक के समीप छात्रों से भरी नाव मही नदी में पलटी

संवाददाता, दिघवारा दिघवारा थाना क्षेत्र के उन्हचक गांव के पास मही नदी में शुक्रवार की सुबह विद्यार्थियों से लदी एक नाव के पलट जाने से उस पर सवार लगभग 20 स्कूली बच्चे मही नदी की तेज धारा में समा गए, लेकिन वक्त रहते ग्रामीणों की तत्परता से उन्हें बचा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा नहीं हुआ. घटना के बाद नदी के दोनों किनारों पर अफरातफरी की स्थिति बन गयी

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2024 10:55 PM

संवाददाता, दिघवारा दिघवारा थाना क्षेत्र के उन्हचक गांव के पास मही नदी में शुक्रवार की सुबह विद्यार्थियों से लदी एक नाव के पलट जाने से उस पर सवार लगभग 20 स्कूली बच्चे मही नदी की तेज धारा में समा गए, लेकिन वक्त रहते ग्रामीणों की तत्परता से उन्हें बचा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा नहीं हुआ. घटना के बाद नदी के दोनों किनारों पर अफरातफरी की स्थिति बन गयी. शिक्षक-शिक्षिकाओं व बच्चों के माता-पिता बच्चों का हाल जानने के लिए बेचैन दिखे. घटना लगभग साढ़े आठ बजे सुबह की है. कुरैया पंचायत के पुरुषोत्तमपुर व विशुनपुर समेत कई गांवों के करीब 20 बच्चे मही नदी पार कर आदर्श मध्य विद्यालय, निजामचक आ रहे थे. इसी बीच उक्त घाट तक पहुंचने से पहले बच्चों से लदी नाव अनियंत्रित होकर पलट गयी और देखते ही देखते सभी स्कूली बच्चे मही नदी के पानी में बहने लगे. बाद में नाव पर सवार अन्य लोगों के अलावे स्थानीय लोगों समेत उच्च व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों ने तत्परता दिखाते हुए पानी में डूब रहे सभी बच्चों को बाहर निकाल लिया. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. पानी में डूबने से कपड़ा गीला हो जाने के कारण बच्चे शुक्रवार को अपने अपने वर्ग में शामिल नहीं हो सके. कई बच्चों को घाट से ही अभिभावक लेकर लौट गए. लंबे समय से पुल बनवाने की मांग पुरुषोत्तमपुर उन्हचक के बीच मही नदी पर पुल बनवाने को लेकर लंबे समय से स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों के माध्यम से महागठबंधन सरकार में अपनी मांगों को रखा था, लेकिन तकनीकी कारणों का हवाला देकर मांग पूरी नहीं की जा सकी. अब लोगों को एनडीए सरकार से उम्मीद है. आपको बता दें कि इस गांव के पूरब सोनपुर प्रखंड अधीन शोभेपुर डुमरी के बीच एक पुल व पश्चिम में दिघवारा प्रखंड अधीन कनकपुर शीतलपुर के बीच मही नदी पर एक दूसरा पुल बना हुआ है. इन दोनों पुल के बीच की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है. हर दिन बच्चों को नाव से मही नदी पारकर स्कूल पहुंचने की मजबूरी होती है. नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ जाता है.

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