13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हंगामे के साथ विधि मंडल में दो करोड़ का बजट हुआ पारित

दो करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपए का था. बजट के अनुसार प्रति हाजिरी फॉर्म 15 रूपये एवं प्रति वकालतनामा 40 रुपया बार काउंसिल पटना को देय होगा.

छपरा (कोर्ट). विधि मंडल के अध्यक्ष गंगोत्री प्रसाद की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय कक्ष में एक आम सभा आयोजित की गयी. इस आशय की जानकारी महामंत्री अमरेंद्र कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया है कि विधि मंडल के 2024-25 का आम बजट पेश किया गया, जो दो करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपए का था. बजट के अनुसार प्रति हाजिरी फॉर्म 15 रूपये एवं प्रति वकालतनामा 40 रुपया बार काउंसिल पटना को देय होगा. बजट में विधि मंडल भवन की प्रतिवर्ष रंग-रोगन भवन के पूर्वी क्षेत्र में शेड का निर्माण मढ़ौरा अनुमंडल न्यायालय में अधिवक्ताओ के बैठने के लिए शेड का निर्माण एवं अन्य सुविधा के साथ ही केंद्रीय कक्ष में चूजन बॉक्स का निर्माण तथा 100 लकड़ी की कुर्सियों की खरीद शामिल है. उन्होंने कहा है कि सभा में निर्णय लिया गया है कि नियमित अधिवक्ताओं के मरणोपरांत एक लाख रुपये की व्यवस्था, अधिवक्ता के पत्नी के मरणोपरांत 20 हजार रुपये की व्यवस्था कार्य दिवस में दुर्घटना होने पर प्रति अधिवक्ता को पांच हजार रुपये एवं हृदयरोग किडनी एवं कैंसर रोग से ग्रसित होने वाले अधिवक्ताओं को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता के साथ ही दशहरा तथा होली के अवसर पर प्रत्येक नियमित अधिवक्ताओं को पांच-पांच हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है. महामंत्री ने कहा है कि अधिवक्ताओं की बहुत पुरानी कैंटीन की मांग थी. जिसका निवारण कर दिया गया है, अति शीघ्र राजेंद्र स्मारक के ऊपर एटीएम के बगल में सीढ़ी बनाकर कैंटीन का निर्माण किया जायेगा. अध्यक्ष गंगोत्री प्रसाद ने कहा है कि सबके विचारों को सुनते और देखते हुए सर्व समिति से आम सभा को पारित कर दिया गया है. अध्यक्ष एवं महामंत्री ने कहा कि 10 मई 2024 से बार काउंसिल के नये नियम का पालन करते हुए उसे छपरा विधि मंडल में लागू कर दिया जायेगा. वहीं मिली जानकारी के अनुसार आम बजट के दौरान काफी हंगामा भी हुआ. कार्य समिति सदस्य मंटू सिंह साहित अन्य नवनिर्वाचित सदस्यो ने कहा कि यह बजट कैबिनेट की बैठक में पास नहीं किया गया है और बिना कैबिनेट के पास किये ही आमसभा में ला दिया गया है, जो गलत है. हम सब इसका विरोध करते है. अधिकतर अधिवक्ताओं ने यह भी मांग उठाया कि विगत दो वर्षों में विधि मंडल द्वारा किये गये कार्य का कोई लेखा-जोखा भी प्रस्तुत नहीं किया गया और ना ही विधि मंडल द्वारा प्रत्येक माह आय व्यय का हिसाब ही सार्वजनिक किया गया है, जो सही नही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें