छपरा, मांझी.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सारण जिले को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण में बाधक बनी मांझी-छपरा मुख्य मार्ग के किनारे की दर्जनों घरों पर सारण जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर सड़क की जमीन को खाली करा दिया. छपरा के सदर एसडीओ संजय कुमार राय के नेतृत्व में मंगलवार को दिन भर चलाये गये अभियान में मांझी के सीओ बीडीओ रंजीत सिंह, सीओ सौरभ रंजन, थानाध्यक्ष अमित कुमार राम के अलावे एनएचएआइ के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल के जवान तैनात किये गये थे. बुलडोजर तथा जेसीबी के सहयोग से गिराये जा रहे घरों व दुकानों को ताश के पत्तो की तरह गिरता देख कई घर के लोग छाती पीटकर रो रहे थे. मौके पर मौजूद कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनको न तो नोटिस मिली है और न ही मुआवजे की राशि का भुगतान किया गया है. कई ग्रामीणों ने जिला प्रशासन द्वारा मुआवजे की निर्धारित राशि को मानक के विपरीत बताते हुए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की. कई ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर जबरदस्ती करने का भी आरोप लगाया.
ग्रामीणों ने लगाया कई आरोप
अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने पदाधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के द्वारा उचित मुआवजा नही दिया गया. बिना मुआवजे दिये प्रशासन ने जबरजस्ती घरों को तोड़कर बेघर कर दिया गया. प्रशासन के सामने महिलाएं हाथ जोड़ कर विनती करती रही, लेकिन पदाधिकारियों ने उनकी एक भी नही सुनी. महिलाओं ने पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाया.
महिलाओं ने किया विरोध, की रोड़ेबाजी
कौरु-धौरु से शुरू किये गये अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान नाराज महिलाओं ने ईंट पत्थर चलकर बुलडोजर तथा जेसीबी का शीशा तोड़ दिया. इस दौरान कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. मौके की नजाकत को देखते हुए छपरा से दर्जनों महिला पुलिस बल को बुला लिया गया. तब जाकर महिलाएं शांत हुई तथा अभियान को आगे बढ़ाया जा सका. जिला प्रशासन द्वारा कौरु-धौरु से लेकर बलिया मोड़ तक अतिक्रमण हटाया गया. पूरे दिन अभियान के दौरान सैकड़ों लोग सड़कों पर जमे रहे.