सारण, मांझी.
बलिया के आइओडब्ल्यू कमलेश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को मांझी चट्टी स्थित रेल परिसर में अनधिकृत तरीके से निर्मित लगभग एक दर्जन अस्थायी दुकानों को जेसीबी के सहयोग से ध्वस्त कर दिया गया. दर्जनों रेल कर्मचारियों व रेल पुलिस के तत्वावधान में लगभग दो घंटे तक चलाये गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मांझी चट्टी के आसपास अफरा-तफरी का माहौल बना रहा तथा सड़क जाम की वजह से तपती धूप में वाहन व पैदल यात्री रेंगते रहे. रेल परिसर में सड़क किनारे अनधिकृत रूप से शेड लगाकर दुकानदारी करने वाले लोग इस दौरान आनन-फानन में अपना सामान व गुमटी आदि लेकर भागते नजर रहे थे. इस दौरान सड़क के दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ लगी रही. जिन्हें हटाने में रेल पुलिस के जवान परेशान रहे.
सीओ और रेल प्रशासन आमने-सामने
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मांझी के सीओ सौरभ रंजन ने रेल प्रशासन द्वारा स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए बगैर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाये जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की. अतिक्रमण हटाओ अभियान पर आपत्ति जताने के दौरान सीओ तथा रेल प्रशासन के पदाधिकारियों से बीच तीखी झड़प भी हो गयी. सीओ का कहना था कि स्थानीय प्रशासन से समन्वय किये बगैर दुकानों को तोड़ने के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसके लिए रेल प्रशासन जिम्मेवार होगा. दोनों के बीच हो रही बहस के दौरान मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जय श्रीराम का नारा लगाकर लोगों को कथित तौर पर उत्तेजित किये जाने से नाराज सीओ ने कार्यकर्ताओं को कड़ी फटकार लगायी. बाद में सीओ तथा रेलकर्मियों ने मांझी थाना पहुंचकर अभियान से जुड़ी जरूरी कागजी औपचारिकता पूरी की तथा अतिक्रमण हटाओ अभियान को लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक के लिए स्थगित रखे जाने की जानकारी दी गयी.
महराजगंज के सांसद पहुंचे, मिले दुकानदारों से
रेलकर्मियों के जाने के बाद दुकानदारों के आग्रह पर मांझी चट्टी पर पहुंचे महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने अतिक्रमण हटाओ अभियान से दुकानदारों को हुई क्षति का मुआयना किया तथा रेल प्रशासन की कारवाई पर आपत्ति दर्ज की. मौके पर रंजन शर्मा, हेमनारायण सिंह, शिवाजी सिंह, अमरजीत सिंह, मकेश्वर सिंह, बबलू शर्मा, प्रशांत ओझा तथा प्यारे अंगद आदि भाजपा नेता तथा सैकड़ों दुकानदार आदि मौजूद थे.
विस्थापित दुकानदारों ने सासंद से की मांग
अतिक्रमण हटाओ अभियान से विस्थापित दुकानदारों ने रेल प्रशासन से अस्थायी तौर पर दुकान लगाने के लिए रेल परिसर की भूमि को किराये पर अलॉट कराने की मांग की है, ताकि बार-बार उजड़ने की समस्या न रहे. साथ ही निर्वाध तरीके से दुकानदार अपनी रोजी-रोटी के लिए दुकानें संचालित कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि कथित रूप से रेल प्रशासन के लोग दुकानदारों से अवैध तरीके से उगाही करते हैं तथा विरोध करने वाले दुकानदारों को ही खासतौर पर निशाना बनाया जाता है.