छपरा. राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने अमनौर प्रखंड के अरना कोठी गांव में नगर निगम छपरा के कूड़ा डंपिंग पर रोक लगा दी है. परिषद ने नगर प्रशासन को अमनौर प्रखंड के अरना गांव में कूड़ा भरण स्थल को विभिन्न वायु व जल प्रदूषण मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने के कारण वहां कूड़ा गिरने पर रोक लगा दी है.
15 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर उस कूड़ा भरण स्थल को बंद करने और अब तक किए गए कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है और यह भी कहा है कि ऐसा नहीं किए जाने की स्थिति में नगर निगम पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति से संबंधित जुर्माना लगाने के लिए बाध्य होगा.बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति के खोल दिया गया कचरा डंपिंग पोस्ट
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कूड़ा निस्तारण अधिनियम व जल और वायु प्रदूषण नियमों का हवाला देते हुए नगर प्रशासन को 16.11. 23 के पत्र में कहा था कि उपरोक्त स्थल को कार्यरत करने से पहले वह राज्य पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण से “स्थापना की सहमति” और “संचालन की सहमति” प्राप्त कर ले. पर, नगर निगम प्रशासन द्वारा अब तक पर्यावरण मूल्यांकन के आधार पर उन दो सहमतियों को नहीं लिया गया है. ग्रामीणों की शिकायत पर और पर्यावरण मूल्यांकन नहीं किए जाने के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उपरोक्त आदेश दिया है. इसके पूर्व राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद में गूगल मैप से कूड़ा भरण स्थल का मूल्यांकन किया और पाया कि डबरा नदी ,पुलिस दौड़ केंद्र , क्रिकेट मैदान आदि की अवस्थिति उपरोक्त स्थल से निर्धारित दूरी से कम है. आदेश पत्र में गुगल चित्र भी संलग्न किया गया है. पर्यावरण प्रेमी प्रो पृथ्वीराज सिंह ने कहा कि अरना कोठी कभी मरहौरा चीनी मील का बीज उत्पादन केंद्र होता था. वहां उन्नत किस्म के गन्ने की सीड फार्मिंग की जाती थी और उसे किसानों के बीच मिल की तरफ से वितरित किया जाता था. मील बंद होने के बाद उपरोक्त स्थल को ग्रामीण युवक क्रीड़ा क्षेत्र और पुलिस दौड़ के अभ्यास के मैदान के रूप में प्रयोग करते थे. यह स्थल कूड़ा भरण स्थल से अधिक औद्योगिक क्षेत्र में विकसित किए जाने के उपयुक्त है क्योंकि यह छपरा मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप है. फिर यह कहना भी एक कमजोर तर्क होगा कि बिहार के 38 जिलों में कहीं भी कूड़ा भरण स्थल नहीं है. सभ्यता गत विकास, औद्योगिक विकास और बढ़ती आबादी के कारण पर्यावरण संवर्धन को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि अंत अंत तक और दीर्घकालीन रूप में यह जीव हित में ही साबित होगा.लोगों का आंदोलन रंग लाया, निगम की बढ़ी परेशानी
पूर्व में अरना गांव के ग्रामीणों ने सेवानिवृत शिक्षक रमेश प्रसाद सिंह की अगुवाई में गांव के पास कूड़ा भरण स्थल बनाए जाने के खिलाफ एक सामूहिक आवेदन नगर आयुक्त ल जिला प्रशासन को दिया था. कुछ सुनवाई नहीं होने की स्थिति में पुनः एक शिकायत पत्र ग्रामीणों द्वारा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा गया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उपरोक्त आवेदन पर उचित कार्यवाई हेतु उसे संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया था.क्या कहते हैं महापौर
इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं है. लेकिन यदि ऐसा हुआ है तो नगर निगम के लिए नुकसानदायक है. इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौरबोले प्रभारी नगर आयुक्त
इस पत्र की जानकारी नहीं है पत्र मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. जो भी तकनीकी कमियां है उसे दूर की जाएगी. अजीत कुमार शर्मा, प्रभारी नगर आयुक्तडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है