तरैया . तरैया में बिजली कटौती व बिजली की आंख मिचौली से उपभोक्ता परेशान है. बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ करने की बजाय बिजली विभाग स्मार्ट मीटर लगाने के चक्कर में पड़ा हुआ है. तरैया बाजार व आसपास के गांवों में बिजली विभाग के द्वारा उपभोक्ताओं को जबरन डरा धमका कर स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. बिजली विभाग के कर्मियों के द्वारा कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर नहीं लगाने पर बिजली काट दिये जाने की धमकी दिया जा रहा है. स्मार्ट मीटर के विरोध में बुधवार को सारण विकास मंच के सचिव अमरनाथ सिंह के आवास पर प्रखंड के समाजसेवी, बुद्धिजीवी व बिजली उपभोक्ताओं की एक बैठक हुई. जिसमें स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया गया. सारण विकास मंच के सचिव सिंह ने कहा कि तरैया नेता विहीन हो गया है. स्मार्ट मीटर सबसे पहले नेता, विधायक, सांसद, मंत्री व सरकारी विभागों के कार्यालयों में लगे उसके बाद आम उपभोक्ताओं के यहां लगेगा. तरैया से बिजली सीधे अमनौर जा रही है, लेकिन तरैया में अंधेरा छाया रहता है. तरैया से अधिक बिजली मसरख, अमनौर व मढ़ौरा में मिलती है आखिर क्या कारण है. अमनौर, मढ़ौरा व मसरख में स्मार्ट मीटर का चर्चा तक नहीं है और तरैया में जबरन उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर थोपे जा रहै है. तरैया बाजार की बिजली की तार जर्जर है उसे नहीं बदला जा रहा है स्मार्ट मीटर पर ध्यान है. तरैया बाजार में पिछले सप्ताह बिजली शॉट सर्किट से केबल तार गल कर टूट गया तो 24 घंटे उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिली. जर्जर केबल तार, पोल व ट्रांसफार्मर को ठीक करने तथा दुरुस्त करने की जरूरत है तो स्मार्ट मीटर लगाने का दबाव विभाग के पदाधिकारी व कर्मी दे रहे है. स्मार्ट मीटर के विरोध में बैठक में शामिल बृजकिशोर सिंह, भृगुनाथ सिंह, रणविजय सिंह, मेराजुद्दीन, नंदकिशोर शर्मा, अरुण पटेल, वकील पांडेय, दिलीप राम, जीतेन्द्र कुमार यादव, मयंक सिंह समेत दर्जनों उपभोक्ता शामिल थे.
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