Chhapra News : कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड, खेतों में पड़ रहे दरार

chhapra news : सारण में सितंबर माह के 18 दिनों में मात्र नौ फीसदी हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश थम जाने से धान सहित अन्य फसलें सूखने की कगार पर आ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 19, 2024 10:09 PM

छपरा. सारण में सितंबर माह के 18 दिनों में मात्र नौ फीसदी हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश थम जाने से धान सहित अन्य फसलें सूखने की कगार पर आ गयी है. वहीं धान के पौधों पर कीट प्रकोप शुरू हो गया है. अगस्त माह में स्थिति कुछ ठीक-ठाक थी, लेकिन सितंबर में बिल्कुल खराब हो गई है. लगातार धूप और बढ़ रहे तापमान के कारण खरीफ फसलों में कीट का प्रकोप शुरू हो गया है. खेतों में खरपतवार अधिक उपज गये है, इससे पौधों को नुकसान हो रहा है. किसान चिंतित हो रहे हैं. क्योंकि उन्होंने 100 फ़ीसदी रोपनी कर दी थी, अब सिंचाई का टेंशन है. हालांकि कृषि विभाग पूरी तरह से टेंशन मुक्त है क्योंकि उनका कहना है कि नहर,बोरवेल और डीजल अनुदान से किसानों ने अपनी सिंचाई व्यवस्था कर ली है.

खेतों में दरार, फसल हो रहे पीले

कृषि वैज्ञानिक की मानें तो अगर बारिश नहीं होती तो खरीफ फसलों को 15 से 20 फीसदी तक नुकसान हो सकता है. वहीं मौसम विभाग ने सितंबर में बारिश की संभावना जतायी है. ऐसे में फसलों में कीट प्रकोप और बढ़ने के असार है. इसके साथ ही बढ़ते तापमान के कारण धान सहित मूंग व उड़द की फसल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इधर, किसान दवाओं का छिड़काव कर फसलों को बचाने में लगे हैं. किसानों का कहना है कि अगर बीच-बीच में बारिश होती रहती तो फसलों में कीट व्याधि नहीं पनपते, लेकिन नमी कम होते ही फसलें पीले पड़ने लगी हैं.

18 दिन में मात्र 9 फ़ीसदी बारिश

सारण जिले में इस वर्ष 97हजार हेक्टेयर भूमि में धान फसल का लक्ष्य है. अगस्त माह की समाप्ति के उपरांत सितंबर में 18 दिन बीत गए हैं. अगस्त माह में खेती के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई थी. फिर भी सितंबर से कहीं ज्यादा बेहतर बारिश हुई थी, कृषि विभाग के आकड़ों के अनुसार अगस्त माह में 283 एमएम बारिश की संभावना थी लेकिन 185 एमएम बारिश हुई थी, यानी 35 फ़ीसदी कम बारिश हुई थी. वही अभी तक सितंबर माह में 195 एमएम बारिश की संभावना थी लेकिन मात्र 17 एमएम बारिश हुई है यानी 91 फ़ीसदी कम बारिश हुई है. ऐसे में कम बारिश से धान सहित अन्य फसल पर संकट का बादल मंडराने लगा है. किस टेंशन में है कि अब क्या होगा?

अब डीजल अनुदान , नहर और बोरवेल ही सहारासारण के किसानों को अब डीजल अनुदान नहर के पानी और बोरवेल ही सहारा मात्रा दिख रहा है. कृषि विभाग के अनुसार मौसम की मार से सूख रहे फसल की सिंचाई कर बचाने के लिए डीजल अनुदान राशि भुगतान तेजी कर दिया गया है. सारण में डीजल अनुदान के लिए करीब 10 हजार किसानों ने आवेदन किया है.

क्या कहते हैं अधिकारी

प्रभारी कृषि पदाधिकारी प्रियेश कुमार ने बताया कि बहुत स्थिति खराब नहीं है लेकिन किसानो कि स्थिति को देखते हुए कृषि कर्मियों को डीजल अनुदान के आवेदन की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. कहा कि विभाग के पोर्टल पर किसान डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है. मुख्य फसल की तीन सिंचाई के लिए अधिकतम प्रति सिंचाई 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से 2250 रुपये अनुदान राशि देय है. एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने धान, मक्का, अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की एक ही खेत के लिए अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय होगा. एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान मिलेगा. किसान बिल्कुल चिंता नहीं करें विभाग से मदद ले.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version