Chhapra News : स्नातक सत्र 24-28 में नामांकन कराने में छात्रों से आगे रहीं छात्राएं
chhapra news : स्नातक सत्र 2024-28 के अंतर्गत नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अधिकतर कॉलेजों में नामांकन कराने में छात्राएं ही आगे रही हैं.
छपरा. स्नातक सत्र 2024-28 के अंतर्गत नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अधिकतर कॉलेजों में नामांकन कराने में छात्राएं ही आगे रही हैं. जबकि छात्रों की रुचि कम दिखी है. शहर के राजेंद्र कॉलेज, जगदम कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज, जगलाल चौधरी कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज आदि में कुल नामांकन में से 70 फीसदी संख्या छात्राओं की है. जेपीयू के प्रीमियर कॉलेज राजेंद्र महाविद्यालय के कई विभागों में कुल उपलब्ध सीटों पर करीब 90 फीसदी छात्राओं ने ही नामांकन कराया है. राजेंद्र महाविद्यालय के हिंदी, भूगोल, मनोविज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि विभाग में कुल नामांकन में से अधिकतर छात्राएं है. शहर के पीसी विज्ञान कॉलेज में भी सात सौ से अधिक नामांकन इस वर्ष स्नातक में हुआ है. जिसमें 500 से अधिक छात्राएं हैं. वहीं राम जयपाल कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, जगदम कॉलेज आदि में भी छात्राओं ने अधिक संख्या में नामांकन लिया है.
क्लास करने में भी छात्राओं की रुचि अधिक
जेपीयू के अंतर्गत प्रमंडल के अधिकतर कॉलेजों में नियमित क्लास करने के प्रति छात्रों से अधिक छात्राओं में रुचि दिखती है. छपरा शहर की बात करें तो यहां के प्रमुख अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में ज्यादातर छात्राओं की संख्या ही कक्षा में दिखती है. शहर के राजेंद्र कॉलेज, राम जयपाल कॉलेज, जगदम कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज आदि के कैंपस में अधिकतर छात्राओं की चहलकदमी दिखती है. छात्रों की उपस्थिति सिर्फ परीक्षा फॉर्म भरने या किसी बड़े आयोजन के समय ही दिखायी देती है. कॉलेज में कराये जाने वाले सांस्कृतिक गतिविधियों में छात्राएं ही आगे रहती हैं. वहीं एनसीसी व एनएसएस यूनिट में शामिल होने के लिए भी छात्रों से अधिक छात्राओं में जागरूकता देखी जाती है. इस साल जेपीयू में स्नातक में नामांकन के लिए कुल 28500 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया. जिसमें से करीब 20 हजार आवेदन सिर्फ छात्राओं के ही आये थे. ऐसे में आवेदन करने के मामले में भी छात्राएं छात्रों से आगे हैं.अधिकतर छात्र बाहर जा रहे पढ़ने
जेपीयू में सत्र काफी अनियमित है. ऐसे में अधिकतर छात्र दूसरे विश्वविद्यालय में अपना दाखिला करा लेते हैं. वहीं कई ऐसे छात्र हैं. जो राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय का रुख भी कर रहे हैं. वहीं स्थानीय अभिभावक अभी भी छात्राओं को बाहर भेजने से कतराते हैं. यही कारण है कि जेपीयू में छात्रों के अनुपात में छात्राओं की संख्या अधिक है. हालांकि जेपीयू में सत्र अनियमित रहने का असर छात्राओं के करियर पर भी पड़ रहा है. छात्राएं चाहकर भी अपना कोर्स समय पर पूरा नहीं कर पाती हैं और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से वंचित होना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है